कानपुर। कानपुर जिले के जवाहर नगर निवासी उमा मिश्रा (Uma Mishra) कूड़ा बीनने वाले बच्चों व असहाय महिलाओं के लिए आशा की किरण बन गयी हैं । समाजसेवा को जीवन का लक्ष्य बनाकर उमा कूड़ा बीनने वाले और भीख मांगने वाले बच्चों को पढ़ाती हैं।
उमा मिश्रा (Uma Mishra) गरीब बच्चों का विभिन्न स्कूलों में एडमिशन कराती हैं। गीता पार्क के पीछे एक गूदड़ बस्ती है, जो स्मैकिया बस्ती के नाम से बदनाम है। वहां के बच्चे भी जुआ खेलते हैं। इस इलाके में चोरी छिपे वेश्यावृत्ति का काम हो रहा था। इस इलाके में शिक्षा और सम्मान की लौ उमा ने जलाई। बच्चों को गंदगी के दलदल से बाहर निकाला। तब बच्चों ने ही इलाके में चोरी छुपे हो रही वेश्यावृत्ति की जानकारी दी।
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इस पर उमा वेश्यावृत्ति में लिप्त महिलाओं से मिलीं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कठिन लक्ष्य तय किया जिसमें वह सफल हुईं। इन महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई-बुनाई में पारंगत किया। दो साल पहले श्री बालाजी फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका आफिस मंधना में है। फंड के नाम पर किसी से दान नहीं लेती हैं। अपने पास से ही पैसा खर्च कर समाज के कार्य में लगाती हैं।