प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए महोबा जिले में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला लाभार्थियों से बातचीत की और उनसे उनके अनुभवों को भी जाना। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उज्ज्वला योजना ने देश के जितने लोगों खासतौर पर महिलाओं का जीवन रोशन किया है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि योजना के पहले चरण में 8 करोड़ गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया, इसका कितना लाभ हुआ है, ये हमने कोरोनाकाल में देखा है, जब बाहर आना-जाना बंद था, काम-धंधे बंद थे, तब गरीब परिवारों को कई महीनों तक मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए।
उन्होंने कहा कि यह योजना 2016 में बलिया से शुरु हुई थी और आज इसका दूसरा संस्करण भी यूपी की वीरभूमि महोबा से शुरु हो रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि महोबा हो, बुंदेलखंड ये तो देश की आज़ादी की एक प्रकार से ऊर्जा स्थली रही हैं, यहां के कण-कण में रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, महाराजा छत्रसाल, वीर आल्हा और ऊदल जैसे अनेक वीर-वीरांगनाओं की शौर्यगाथाओं की सुगंध है।
उन्होने आगे कहा कि आज जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो यह आयोजन इन महान व्यक्तित्वों को स्मरण करने का भी अवसर लेकर आया है। प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड की एक और महान संतान मेजर ध्यान चंद को याद किया और कहा कि देश के सर्वोच्च खेल सम्मान का नाम अब मेजर ध्यानचंद खेलरत्न हो गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि ओलंपिक में खिलाड़ियों के अभूतपूर्व प्रदर्शन के बीच खेलरत्न के साथ जुड़ा दद्दा ध्यानचंद का नाम लाखों-करोड़ों युवाओं को प्रेरित करेगा।
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उन्होंने कहा कि इस बार हमने देखा है कि हमारे खिलाड़ियों ने मेडल तो जीते ही हैं, अऩेक खेलों में दमदार प्रदर्शन करके भविष्य का संकेत भी दे दिया है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं, ऐसे में बीते साढ़े 7 दशक की प्रगति को हम देखते हैं तो हमें लगता है कि कुछ स्थितियां, कुछ हालात ऐसे हैं, जिनको कई दशक पहले बदला जा सकता था, घर, बिजली, पानी, शौचालय, गैस, सड़क, अस्पताल, स्कूल, ऐसी अनेक मूल आवश्यकताएं हैं, जिनकी पूर्ति केलिए दशकों का इंतज़ार देशवासियों को करना पड़ा।