नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय (Sharda University) से कथित तौर पर राजनीति विज्ञान (Political Science) परीक्षा के प्रश्न पत्र में पूछे गए एक “आपत्तिजनक” (हिंदुत्व और फासीवाद के बीच समानता) प्रश्न पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। ग्रेटर नोएडा स्थित निजी विश्वविद्यालय ने राजनीति विज्ञान (ऑनर्स) में बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा में पूछा था।
UGC ने Sharda University को लिखे पत्र
UGC के सचिव रजनीश जैन ने कुलपति शारदा विश्वविद्यालय को लिखे पत्र में कहा, ‘प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के संज्ञान में आया है कि बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा में एक आपत्तिजनक प्रश्न प्रश्न पत्र का हिस्सा था। आपके विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान (ऑनर्स) प्रश्न पत्र में छात्रों से पूछा गया था: “क्या आप फासीवाद/नाज़ीवाद और हिंदू दक्षिणपंथी (हिंदुत्व) के बीच कोई समानता पाते हैं? तर्कों के साथ विस्तृत करें”।
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UGC के सचिव जैन ने आगे कहा कि छात्रों ने इस सवाल पर आपत्ति जताई है और विश्वविद्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। “यह भी देखा गया है कि छात्रों ने इस सवाल पर आपत्ति जताई और विश्वविद्यालय में शिकायत दर्ज की। कहने की जरूरत नहीं है कि छात्रों से ऐसे प्रश्न पूछना हमारे देश की भावना और लोकाचार के खिलाफ है जो अपनी समावेशिता और एकरूपता के लिए जाना जाता है और ऐसे प्रश्नों को नहीं पूछा गया।
जैन ने आगे कहा, विश्वविद्यालय में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने के लिए उठाए गए कदमों को उजागर करते हुए विश्वविद्यालय से इस मामले पर जल्द से जल्द एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया है।