देहरादून। उच्चतम न्यायालय के समान नागरिक संहिता कानून पर दिये निर्णय का मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने स्वागत किया है। न्यायालय ने कहा है कि उत्तराखंड की सरकार ने जो समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जो समिति गठित की है, वह अपना काम संविधान के दायरे में कर रही है।
उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड एवं गुजरात में समान नागरिक संहिता कानून बनाये जाने के लिए समितियां गठित किए जाने के निर्णय को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से मना कर दिया।
मुख्य न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने इस मामले पर कहा है कि अनूप बर्णवाल और अन्य लोगों की याचिका में दम नहीं है, इसलिए यह विचारणीय नहीं है। उन्होंने कहा है कि राज्यों द्वारा इस बारे में बनाई गई समितियों के बारे में संविधान के दायरे से बाहर जाकर चुनौती नहीं दी जा सकती।
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दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने मंगलवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के विद्वान न्यायाधीशों के निर्णय का स्वागत करते हैं। उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जो समिति गठित की है वह अपना काम संविधान के दायरे में कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम समिति के सुझाव प्राप्त होते ही इसी वर्ष समान नागरिक संहिता लागू कर देंगे।