प्रयागराज । यूपी के प्रयागराज जिले में मुख्तार अंसारी गैंग (Mukhtar Ansari gang) के दो शूटरों को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया। इन दोनों ने रांची के होटवार जेल के किसी अधिकारी को मारने की सुपारी ली थी। जिले में एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई, जिसके बाद एसटीएफ की जवाबी फायारिंग में दो शातिर बदमाश मारे गए। मारे गए दोनों बदमाशों के ऊपर इनाम घोषित था। मुठभेड़ में ढेर हुए दोनों बदमाश मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटर थे। इन दिनों ये दोनों प्रयागराज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्रा के संपर्क में थे।
मुख्तार अंसारी गैंग (Mukhtar Ansari gang) के दो शूटर मुठभेड़ में ढेर
प्रयागराज के नैनी थाना क्षेत्र के अरैल इलाके में भोर में एसटीएफ प्रयागराज यूनिट दो शूटरों को पकड़ने के लिये पहुंची थी जैसे ही शूटरों को आता देख पुलसि ने उन्हें रुकने का इशारा किया। दोनों बदमाश यमुना के कछार की तरफ भागने लगे, जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने भी उनका पीछा शुरु किया। एसटीएफ के पीछा करने पर बदमाशों पर उन पर फायर करना शुरू कर दिया, जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने अपना बचाव करते हुये बदमाशों पर जवाबी फायरिंग की। एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में गोली लगने से दोनों बदमाश ढेर हो गए। मारे गये बदमाश पर था 50 हजार का इनामएसटीएफ से मुठभेड़ में मारे गये दोनों बदमाश भदोही जिले के रहने वाले थे, जिनमें से एक का नाम वकील पांडेय उर्फ राजू पांडेय था, जिसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
बदमाशो ने पुलिस को दी खुली चुनौती, पिंक बूथ हुआ क्षतिग्रस्त
मृतक बदमाश पर ये इनाम प्रयागराज पुलिस द्वारा ही घोषित किया गया था। वहीं उसके साथ मुठभेड़ में मारा गया उसका साथी अमजद उर्फ पिंटू था. दोनों ही शातिर किस्म के अपराधी थे। उनके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज थे।
रांची के जेल अधिकारी को मारने की सुपारी ली थी
मुठभेड़ में मारे गये दोनों बदमाश मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटर थे। इन दोनों ने रांची के होटवार जेल के किसी अधिकारी को मारने की सुपारी ली थी। होटवार जेल में बंद अमन सिंह के कहने पर दोनों जेल के अधिकारी को मारने की योजना बना चुके थे। अमन सिंह रांची के कोयला व्यापारी व नेता नीरज सिंह की हत्या के आरोप में जेल में बंद है, जहां से वह अपना दबदबा कायम करने के लिये किसी जेल अधिकारी को मरवाने की सुपारी इन दोनों को दे चुका था। उसी वारदात को अंजाम देने के लिये दोनों रांची जाने वाले थे।
रांची जाने से पहले इन दोनों ने प्रयागराज के किसी नेता या संभ्रांत व्यक्ति को मारने की योजना बनायी थी। उसी को अंजाम देने के बाद दोनों को रांची जाना था। एसटीएफ को जब इस बात की जानकारी मिली तो दोनों को पकड़ने के लिये उनकी टीम ने घेराबंदी की थी, जिसके बाद बुधवार की आधी रात के बाद दोनों को जाता देखा गया, जैसे ही पुलिस टीम ने रुकने का इशारा किया, दोनों ने पुलिस वालों पर फायर कर दिया जिसके बाद जवाबी फायरिंग में दोनों शातिर अपराधी ढेर हो गए।