ट्यूनिश। ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कैस सईद ने एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग स्कूल की प्राध्यापक नजला बौदेंत रमजाने को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री को नामित किया है। राष्ट्रपति ने उनके पूर्वाधिकारी को बर्खास्त किए जाने के बाद एक अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए उन्हें इस पद पर नियुक्त किया।
जल्द मंत्रिमंडल के गठन का निर्देश
राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि सईद ने नई प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द अपने मंत्रिमंडल का गठन करने का निर्देश दिया है। राष्ट्रपति द्वारा 25 जुलाई को संसद भंग करने और कार्यकारी शक्तियां अपने हाथों में ले लेने के बाद से देश में प्रधानमंत्री का पद रिक्त है। उनके इस कदम ने संसद में वर्चस्व रखने वाली इस्लामवादी पार्टी को दरकिनार कर दिया है। वहीं आलोचकों ने इस कदम को तख्तापलट करार देते हुए इसकी निंदा की है।
देश को संकट से बचाने के लिए जरूरी
आलोचकों का कहना है कि यह ट्यूनीशिया में लोकतंत्र को खतरा पैदा करता है। वहीं राष्ट्रपति ने कहा है कि देश को आर्थिक और सामाजिक संकट से बचाने के लिए यह जरूरी कदम था। राष्ट्रपति कैस सईद के कार्यालय ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वह रमजाने से मिलते दिख रहे हैं। उन्होंने बार-बार एक महिला के ‘ऐतिहासिक’ नामांकन पर जोर दिया। इसके साथ ही सईद ने इसे ‘ट्यूनीशिया और ट्यूनीशियाई महिलाओं का सम्मान’ करार दिया।
अराजकता-भ्रष्टाचार दूर करना उद्देश्य
सईद ने कहा कि नई सरकार का मुख्य उद्देश्य ‘कई सरकारी संस्थानों में फैले भ्रष्टाचार और अराजकता को समाप्त करना’ होगा। उन्होंने कहा कि नई सरकार को स्वास्थ्य, परिवहन और शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में ट्यूनीशियाई लोगों की मांगों और सम्मान को पूरा करना चाहिए। साल 2011 के विद्रोह के बाद से रमजाने ट्यूनीशिया की दसवीं प्रधानमंत्री होंगी। दस साल पहले लोगों ने लंबे समय तक शासन करने वाले तानाशाह जीन अल अबिदीन बेन अली की सरकार को उखाड़ फेंका था। जिसके बाद अरब स्प्रिंग विद्रोह का जन्म हुआ था।