Tulsi plant

आयुर्वेद : तुलसी पौधे के हर भाग में छिपे हैं औषधीय गुण

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नई दिल्ली। भारत में हर हिंदू घरों में तुलसी का पौधा (Tulsi plant)  पाया जाता है। घरों में तुलसी की पूजा का पौराणिक महत्व भी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी के पौधे को वैज्ञानिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

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बता दें कि तुलसी एक औषधीय पौधा माना जाता है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक तुलसी के पौधे का हर भाग आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना महत्व है, तो आइए इस गुणकारी पौधे के स्वास्थ्यवर्धक फायदों के बारे में जानते हैं।

  • खांसी व गला बैठने पर तुलसी की जड़ सुपारी की तरह चूसी जाती है।
  • श्वांस रोगों में तुलसी के पत्ते काले नमक के साथ सुपारी की तरह मुंह में रखने से आराम मिलता है।
  • तुलसी की हरी पत्तियों को आग पर सेंक कर नमक के साथ खाने से खांसी तथा गला बैठना ठीक हो जाता है।
  • तुलसी के पत्तों के साथ 4 भुनी लौंग चबाने से खांसी जाती है।
  • तुलसी के कोमल पत्तों को चबाने से खांसी और नजले से राहत मिलती है।
  • खांसी-जुकाम में – तुलसी के पत्ते, अदरक और काली मिर्च से तैयार की हुई चाय पीने से तुरंत लाभ पहुंचता है।
  • 10-12 तुलसी के पत्ते व 8-10 काली मिर्च के चाय बनाकर पीने से खांसी जुकाम, बुखार ठीक होता है।
  • फेफड़ों में खरखराहट की आवाज़ आने व खांसी होने पर तुलसी की सूखी पत्तियां 4 ग्राम मिश्री के साथ देते हैं।
  • काली तुलसी का स्वरस लगभग डेढ़ चम्मच काली मिर्च के साथ देने से खांसी का वेग एकदम शान्त होता है।
  • 10 ग्राम तुलसी के रस को 5 ग्राम शहद के साथ सेवन करने से हिचकी, अस्थमा एवं श्वांस रोगों को ठीक किया जा सकता है।

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