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हिचकी से राहत के लिए करें ये उपाय

If you also become troubled by hiccups, then definitely read this news

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हम सब निजी ज़िन्दगी में कुछ न कुछ करते रहते हैं। कभी न कभी हम सब को हिचकी (hiccups) आती है तो बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि कोई याद कर रहा है। हालांकि इसका असल कारण कुछ और होता है। दरअसल हमारे शरीर में डायाफ्राम नामक मांसपेशी हृदय और फेफड़े को पेट से अलग करती है। ब्रीदिंग यानी श्वसन में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।  जब इसमें कॉन्ट्रैक्शन अर्थात संकुचन होता है तब हमारे फेफड़ों में हवा के लिए जगह बनती है। जब डायफ्राम मांसपेशी का संकुचन अचानक बार-बार होने लगता है तो हमें हिचकी आने लगती है। हिचकी ((hiccups)) के समय जो आवाज़ आती है वह ग्लोटिस (वोकल कॉर्ड्स के बीच की ओपनिंग, जिसे कंठद्वार कहा जाता है) के जल्दी-जल्दी बंद होने के चलते आती है।

– ज़रूरत से ज़्यादा खाना खा लेना। बहुत ज़्यादा तीखा या मसालेदार खाना या जल्दबाज़ी में खाना।

– अल्कोहल या एरेटेड ड्रिंक्स पीना। स्मोकिंग करना।

– तनाव, घबराहट, अतिउत्साह आदि के चलते भी कभी-कभी हिचकी आने लगती है।
– हवा के तापमान में अचानक बदलाव आने से हिचकी का दौर शुरू हो सकता है।

कैसे मिले हिचकी से राहत?

वैसे तो हिचकी कुछ देर बाद अपने आप ठीक हो जाती है, पर यदि ज़्यादा समय तक यह बनी रहे तो राहत के लिए ये घरेलू नुस्ख़े कारगर साबित होते रहे हैं।

– ठंडा पानी पिएं या आइसक्यूब्स मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसें।- दालचीनी का एक टुकड़ा मुंह में डालकर कुछ देर चूसने से हिचकी में राहत मिलती है।

– गहरी सांस लें, जितनी देर हो सके सांस रोकें। यह प्रक्रिया दोहराएं आराम मिल जाएगा।

– पेपरबैग में मुंह डालकर सांस लें, सांस छोड़ें। इससे श्वसन की प्रक्रिया को नॉर्मल होने में मदद मिलती है।

– लहसुन, प्याज़ या गाजर का रस सुंघाने से आराम पहुंचता है।

– काली मिर्च को पीसकर बारीक़ चूर्ण बना लें। दो ग्राम चूर्ण को शहद के साथ खाएं।

– जीभ के नीचे शक्कर या चॉकलेट रखकर धीरे-धीरे चूसें।

– ज़मीन पर लेट जाएं। घुटनों को अपने सीने की ओर खींचें। ऐसा करने से कभी

-कभी डायाफ्राम की गड़बड़ी दुरुस्त हो जाती है।

– 20 ग्राम नींबू के रस में 6 ग्राम शहद और थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चाटने से हिचकियां बंद हो जाती हैं।

अगर घरेलू उपायों से न रुके हिचकी तो क्या करें?

वैसे तो कभी-कभी हिचकी लगातार 48 घंटे तक आपको परेशान कर सकती है, पर यदि ऐसा बार-बार हो तो समझ जाइए कि डॉक्टर से सलाह लेने का वक़्त आ गया है। घरेलू उपाय काम नहीं करने वाले। लगातार आने वाली हिचकी अस्थमा, निमोनिया जैसे सांसों से संबंधित बीमारियों का संकेत हो सकती है। कई बार हृदय संबंधी गड़बड़ी भी हिचकी का कारण बनती है। पेट की सूजन, गैस होना, हाइटस हार्निया से भी हिचकी की समस्या शुरू हो जाती है।

मेटाबॉलिक गड़बड़ी का संकेत भी हिचकी से मिलता है।डॉक्टर की सलाह लेना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि कई बार लगातार हिचकी आने से नींद में बाधा उत्पन्न होती है। लगातार आने वाली हिचकी वज़न कम होने से लेकर डिप्रेशन तक का कारण बन सकती है। डॉक्टर पेट, सीने, सिर और गले की जांच करने के साथ-साथ डायबिटीज़ लेवल की जांच कराने को कह सकते हैं। किडनी और लिवर फ़ंक्शन टेस्ट, ईसीजी जैसी जांच कराने की सलाह दे सकते हैं।

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