नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश से दो बार के पूर्व सांसद जनाब इलियास आज़मी (Janab Ilyas Azmi) के जीवन और योगदान पर एक स्मारक बैठक आज भारतीय इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र, दिल्ली में आयोजित की गई है। निष्ठावान व्यक्तित्व वाले जनाब इलियास आज़मी साहब ने हमेशा हाशिये पर पड़े लोगों की आवाज़ को प्राथमिकता दी है और इस धर्मनिरपेक्ष राजनीति के माध्यम से भारतीय समाज में मुसलमानों, दलितों और ओबीसी के उत्थान में प्रभावशाली भूमिका निभाई है।
जनाब लियास आज़मी (Janab Ilyas Azmi) का जन्म 22 अगस्त 1934 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के सदरपुर बरौली-फूलपुर में हुआ था। उनकी शिक्षा रोज़तुल ओलूम, फूलपुर में हाफ़िज़ के रूप में हुई थी। वह उत्तर प्रदेश से संसद सदस्य थे और उन्होंने 2004 में शाहाबाद (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) और 2009 में बहुजन समाज पार्टी के लिए खीरी (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) का प्रतिनिधित्व किया था। वह आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य भी थे लेकिन बाद में मतभेद के कारण उन्होंने 2016 में पार्टी और पीएसी छोड़ दी।
स्मारक सभा में जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया। कुछ उल्लेखनीय उपस्थित थे संजय सिंह, सांसद, राज्यसभा, कौशल किशोर, भारत के आवास और शहरी मामलों के मंत्री, सतपाल मलिक, पूर्व राज्यपाल, जावेद खान, सांसद, नबा सरानिया, सांसद, शफीकुर रहमान बार्क, सांसद, कुँवर दानिश अली, सांसद, संतोष गंगवार, सांसद, एसटी हसन, सांसद, विजेंदर सिंह, पूर्व एडीजीपी, असरफ फातमी, पूर्व मंत्री, डॉ. बशीर, पूर्व वीसी इग्नू, बृज लाल खबरी, कांग्रेस अध्यक्ष उत्तर प्रदेश, रवीश कुमार, पत्रकार, योगेन्द्र यादव, राजनीतिक कार्यकर्ता, सिराजुद्दीन क़ुरैशी, अध्यक्ष आईआईसीसी।
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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने अपने पूर्व सांसद के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि जनाब इलियास आजमी अपने आप में एक संस्था थे। उन्होंने आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद के भारत को देखा है और भारत में अल्पसंख्यकों, दलितों और ओबीसी की आवाज़ रहे हैं। हमारा रिश्ता मेरी पार्टी का नहीं बल्कि दिल का है। उन्होंने कभी भी किसी राजनीतिक दल में किसी पद के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। हमारा देश उनकी उपस्थिति को हमेशा याद करेगा।’ आइए प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार देकर अपने देश को आगे ले जाकर इस निष्ठावान राजनेता को श्रद्धांजलि अर्पित करें।
रेड क्रिसेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अरशद इलियास सिद्दीकी ने जनाब इलियास आज़मी (Janab Ilyas Azmi) साहब के जीवन और भारतीय राजनीति और समाज में योगदान पर एक फिल्म दिखाई और धन्यवाद ज्ञापन दिया।