लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी, गैर सरकारी विद्यालयों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 19 वर्ष तक के बच्चों (Children) व किशोर-किशोरियों को 20 जुलाई को एल्बेन्डाजोल की गोली खिलाई जाएगी। यह जानकारी दी राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के महाप्रबंधक डॉ वेद प्रकाश ने।
डॉ वेद ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इसी क्रम में शनिवार को प्रदेशभर के बेसिक शिक्षा अधिकारी और ब्लाक शिक्षा अधिकारी के साथ वर्चुअल संवाद स्थापित किया है। अधिकारियों से अपील की गई है कि सरकारी के साथ निजी स्कूलों में भी अभियान की सफलता उचित प्रयास करें। उन्होंने बताया कि 20 जुलाई को यदि किसी कारणवश दवा नहीं खा पाए हैं तो अगले सप्ताह 25 से 27 जुलाई को मॉपआप राउंड में दवा खिलाई जाएगी। हालांकि कांवड़ यात्रा के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 5 जिलों यह अभियान अगले सप्ताह होगा।
उन्होंने बताया कि बच्चे अक्सर कुछ भी उठाकर मुंह में डाल लेते हैं या फिर नंगे पांव ही संक्रमित स्थानों पर चले जाते हैं। इससे उनके पेट में कीड़े या कृमि विकसित हो जाते हैं। एल्बेन्डाजॉल खा लेने से यह कीड़े पेट से बाहर हो जाते हैं। अगर यह कीड़े पेट में मौजूद हैं तो बच्चे के आहार का पूरा पोषण कृमि हजम कर जाते हैं। इससे बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है। बच्चा धीरे-धीरे खून की कमी (एनीमिया) समेत अनेक बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि पिछला अभियान 37 जिलों में 11 मार्च से शुरू होकर 22 मार्च तक चला था।
कुछ खाकर ही खाएं दवा
दवा के थोड़े प्रतिकूल प्रभाव दिखने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह दवा बिल्कुल सुरक्षित है। दवा खाली पेट न खाएं। पेट में अधिक कीड़े या कृमि होने से उनमें दवा देने पर कुछ बच्चों एवं किशोर-किशोरियों में प्रतिकूल प्रभाव जैसे हल्का चक्कर, थोड़ी घबराहट या उल्टी हो सकती है, जो दो से चार घंटे में स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
स्ट्राबेरी फ्लेवर में मिलेगी एल्बेन्डाजॉल
कंसल्टेंट इन्द्रजीत ने बताया कि पेट से कीड़े निकलने की दवा एल्बेन्डाजॉल बहुत ही स्वादिष्ट बनाने की कोशिश की जाती है। इससे बच्चे आसानी से खा लेते हैं। पहले यह दवा वनीला और मैंगो फ्लेवर में उपलब्ध थी जबकि इस बार यह स्ट्राबेरी फ्लेवर में मिलेगी।