भारत में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं। अधिकांश राज्यों ने कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन में ढील दे दी है। इसके बाद सार्वजनिक जगहों पर लोगों की भीड़ दिखाई देने लगी है। इस बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को चेतावनी दी है। कहा है कि सावधानीपूर्वक ही एक्टिविटिज को बढ़ावा दें। केंद्र की तरफ से कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर की पांच स्तरीय रणनीति को सुनिश्चित करने की अपील की गई है। साथ ही संक्रमण की रोकथाम के लिए टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और वैक्सीनेशन को तवज्जो देने को कहा गया है।
तीसरी लहर की चेतावनी में AIIMS निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है. तीसरी लहर के अगले 6 से 8 हफ्ते में दस्तक देने की बात कही है. उन्होंने, शनिवार, 19 जून को कहा,
“अगर कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया गया तो तीसरी लहर 6-8 हफ्तों में आ सकती है। जरूरत है कि वैक्सीनेशन होने तक हम आक्रामक तरीके से कोरोना के खिलाफ जंग जारी रखें। अगर लोगों ने मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग जैसी जरूरी गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया तो मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं। कोरोना के केस बढ़ने पर सर्विलांस और जिस क्षेत्र में केस बढ़ते हैं उसकी पहचान कर वहां लॉकडाउन लगाने की भी जरूरत पड़ सकती है।”
खबरों के मुताबिक गुलेरिया की इस चेतावनी के बाद केंद्र की तरफ से निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शनिवार को राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा। उन्होंने राज्यों में टेस्ट ट्रैक और ट्रीट की रणनीति को जारी रखने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि टेस्टिंग रेट कम ना हो। इसके अलावा राज्यों से वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने को भी कहा है।
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े थे। कई राज्यों ने संक्रमण रोकने के लिए पाबंदियां लगाई थीं। अब कोरोना के मामले कम होने के साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पाबंदियों में छूट देनी शुरू कर दी है।