किसान नेता राकेश टिकैत आज भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश पहुंचे हैं। जहां उन्होंने सोलन में किसानों और पत्रकारों से बातचीत की है।इस मौके पर टिकैत ने केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- अगर केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार किसी राजनीतिक दल की सरकार होती तो किसानों की बात जरूर सुनती। लेकिन यह देश के बड़े-बड़े उद्योगपति घराने की सरकार है।
उन्होंने कहा- मोदी सरकार देश की सरकारी संपत्तियों को बेचने का काम कर रही है। क्या सरकार ने सत्ता में आने से पहले ही यह सब अपने चुनावी मेनिफेस्टो में बताया था? टिकैत ने कहा- कृषि कानूनों को खत्म करवाने के साथ-साथ यह आंदोलन देश को बचाने का आंदोलन भी है।
टिकैत ने कहा कि पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में रैली होगी। वहां से मेरा घर उतनी ही दूर है, जितनी पास में खड़ी कार, लेकिन मैं अपने घर नहीं जाऊंगा। अब इस लड़ाई को जीतने के बाद ही मैं घर जाऊंगा। नौ महीने हो गए, नौ साल भी आंदोलन चलेगा तो चलाएंगे। टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार कानून वापस लेगी, लेकिन यह नहीं पता कि वह कौन सी सरकार होगी।
टिकैत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने भाजपा को खड़ा किया, वह तो घरों में कैद हैं। आज अंबानी और अडानी देश चला रहे हैं। गोदाम पहले बन गए और कानून बाद में बने। कंपनियां किसानों पर कर्जा बढ़ाएंगी और जमीन अपने कब्जे में कर लेंगी। टिकैत ने किसानों से कहा कि अपनी जमीन मत बेचना। इसे पूर्वज हमें देकर गए हैं।
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गोदामों को जनता तोड़ेगी, क्योंकि उनमें से बेईमानी की बू आ रही है। वर्ष 2022 के चुनाव में भाजपा के नेता वोट मांगने आएं तो पूछना कि प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि किसानों की आय दोगुनी होगी, क्या वास्तव में हुई। सरकार पर्चा दर्ज कर आंदोलन को दबा नहीं सकती। टिकैत ने यह भी कहा कि कलम और कैमरे पर बंदूक का पहरा है।