लखनऊ। जिन दस्तावेजों को ढूंढ़ने के लिए खीरी जिले की ओयल रियासत के वंशज पीढ़ियों तक भटकते रहे वह चुटकियों में मिल गए। वह भी मात्र 10 रुपये की आरटीआई(RTI) के जरिए। आरटीआई एक्टिविस्ट ने 93 साल पुराने दस्तावेज ढूंढ़ कर एक बड़ी समस्या का समाधान कर दिया। आरटीआई(RTI) के जरिए मिले दस्ताजों के अनुसार 93 साल पुरानी संपत्ति की कीमत करीब 50 से 60 करोड़ रुपये बताई जा रही है। दस्तावेजों के अनुसार डीएम का बंगला भी उसी संपत्ति का हिस्सा बताया जा रहा है।
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वर्ष 1928 में ओयल रियासत जनपद खीरी के तत्कालीन राजा युवराज दत्त सिंह ने अपने महल को किराये पर चढ़ाया था। महल को 30 वर्षों के लिए उस समय के डिप्टी कलेक्टर को किराए पर दिया गया था। देश आजाद हुआ तो किराएदारी और 30 साल के लिए बढ़ा दी गई। जब राजा युवराज की 1984 में मृत्यु हुई तो ओयल परिवार ने अपने पुश्तैनी महल के अभिलेखों की खोज शुरू की। काफी मशक्कत के बावजूद महल से संबंधित अभिलेख कहीं नहीं मिले। थक हार का राजा युवराज दत्त के पोते कुंवर प्रद्युम्न नारायण दत्त सिंह ने आरटीआई (RTI)एक्टिविस्ट सिद्धार्थ नारायण को अपनी पुश्तैनी सम्पत्ति से जुड़ी समस्या बताई।
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सिद्धार्थ ने चार अलग अलग आरटीआई डीएम, कमिश्नर, वित्त विभाग और राजस्व परिषद को पार्टी बनाकर दर्ज कीं। चारों डीएम लखीमपुर को स्थानांतरित हो गईं। 28 अगस्त 2019 को ये याचिकाएं दायर की गईं और 27 मार्च 2020 को जवाब आया। पता चला कि उनकी सम्पत्ति का खाता संख्या पांच और खसरा 359 है।
ओयल रियासत के राजा विष्णु नारायण दत्त सिंह ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए डीएम खीरी शैलेन्द्र कुमार सिंह और एसआरओ कैप्टन एसपी दुबे का आभार व्यक्त किया। युवरानी आराधना सिंह ने महिला सशक्तीकरण एवं मिशन शक्ति प्रोग्राम में अपना योगदान देने की बात कही। ओयल रियासत के कुंवर हरिनारयण सिंह, कुंवर प्रद्युम्न नारयण सिंह ने भी राहत महसूस करते हुए प्रशासन का आभार जताया।