लखनऊ। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के समापन के बाद सोमवार से राजधानी लखनऊ में तीन दिवसीय G-20 सम्मेलन शुरु हो रहा है। सम्मेलन में भाग लेने के लिए डेलीगेट्स का आना शुरु हो गया है।
भारत सरकार के सेक्रेटरी अलकेश कुमार शर्मा ने रविवार को यहां बताया कि G-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए 141 डेलीगेटस आएंगे। आज शाम तक 71 डेलीगेट्स आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि भारत में G-20 सम्मेलन का थीम वसुधैव कुटुंबकम रखा गया है।
अलकेश कुमार शर्मा ने बताया कि लखनऊ में होने वाले सम्मेलन में डिजिटल इकोनॉमी से जुड़े मुद्दों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप बनाया गया है। उसी ग्रुप की बैठक लखनऊ में हो रही है।
उन्होंने बताया कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के क्षेत्र में भारत ने नाम कमाया है। यूपीआई आया। दुनिया मे डिजिटल ट्रांजक्शन का 40 फीसदी भारत में होता है। कोविड के दौरान बच्चों ने ऑनलाइन क्लास अटेंड की। इससे दुनिया में सन्देश गया। इसे वे लोग बहुत ही चैलेंजिंग समझ रहे थे। भारत ने उसे कर दिखाया। G-20 में इसे अहम मुद्दे के रूप में रखा गया है।
शर्मा ने बताया कि इसका दूसरा पक्ष साइबर सिक्युरिटी का है। हम सभी देशों के साथ चर्चा करेंगे। टेक्नोलॉजी का आदान प्रदान करेंगेताकि डिजिटल फ्राड एवं धोखाधड़ी को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन साइड इवेंट होंगे। इसके बाद डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप की अगली बैठक अप्रैल में हैदराबाद में होगी।
गौरतलब है कि ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G-20) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G-20 की अध्यक्षता करेगा। इससे पहले 2022 में इंडोनेशिया अध्यक्षता कर रहा था। आगे 2024 में ब्राजील अध्यक्षता करेगा।
G-20 सम्मेलन को लेकर पूरे लखनऊ को G-20 के रंग में रंगा गया है। 1090 चौराहे के पास में 20 देशों के झंडों को लगाया गया है।