कानपुर। कोरोना के कारण एक तरफ रेमिडिसिवर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की कमी हो गई है और उसके लिए मारामारी मची है, तो दूसरी तरफ कुछ लोग मौके का फायदा उठाने के लिए कालाबाजारी कर रहे हैं। कानपुर में ऐसा ही मामला गुरुवार को पकड़ा गया है।
कानपुर पुलिस ने गुरुवार को रेमिडिसिवर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की तस्करी करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास 250 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। देश में भारी किल्लत के बीच रेमिडिसिवर की तस्करी का यह पहला मामला है। मिलिट्री इंटेलीजेंस लख्रनऊ यूनिट को सूचना मिली थी कि कोलकाता से इंजेक्शन की खेप कानपुर भेजी गई है। इसकी सप्लाई खाड़ेपुर नौबस्ता निवासी मोहन सोनी को दी जानी है।
मिलिटरी इंटेलीजेंसी की सूचना पर STF ने दबोचा
अफसरों ने मोहन सोनी से ग्राहक बनकर सौदा तय किया। इसके बाद एसटीएफ को सूचना दी गई। एसटीएफ के एसआई राजेश और सिपाही देवेश ने ग्राहक बनकर मोहन से संपर्क किया। इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की डिलीवरी कोपरगंज स्थित होटल गणेश में तय की गई। उससे पहले एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने किदवई नगर में छापेमारी कर तीन आरोपितों को धर-दबोचा।
नहर में नहाने गए तीन युवक डूबे
एसटीएफ के मुताबिक यमुना नगर, हरियाणा निवासी सचिन कुमार, खाड़ेपुर नौबस्ता निवासी मोहन सोनी और पशुपति नगर निवासी प्रशांत शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से मोबाइल भी बरामद किए हैं।
एक दिन पहले बुधवार को ही यूपी में इंजेक्शन की कमी को देखते हुए सीएम योगी ने गुजरात प्लेन भेजकर 25 हजार इंजेक्शन मंगाए थे। हर जिले से इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की कमी और इसकी मांग को लेकर शिकायतें आ रही थीं। इसी को देखते हुए शासन ने गुजरात से इंजेक्शन मंगाने का फैसला लिया। कोरोना के गंभीर मरीजों को यह इंजेक्शन लगाया जाता है।