लखनऊ। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में शनिवार को यूपी में हुई हिंसा पर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी ने कहा कि हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ है। उन्होंने आशंका जताई कि हिंसा में एनजीओ और राजनीतिक लोग भी शामिल हो सकते हैं। सिंह ने कहा कि हम किसी को नहीं बख्शेंगे, क्योंकि उन्होंने हिंसा की है, लेकिन हम किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं करेंगे।
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डीजीपी ने कहा कि पुलिस सतर्क है और गश्त कर रही है। लोगों से अपील की गयी है कि वे शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग करें। जहां भी मामले दर्ज हुए हैं, वहां का स्थानीय पुलिस प्रशासन गिरफ्तारियां कर रहा है। किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। पूरी छानबीन के बाद ही गिरफ्तारी होगी।
लखनऊ में 218 लोगों गिरफ्तार
डीजीपी ने बताया कि लखनऊ में 218 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ है। उन्होंने कहा कि विवेचना जारी है, टीमें बनायी गयी हैं, जो सभी पहलुओं से जांच कर रही है। उन्होंने इस हिंसा में एनजीओ और राजनीतिक लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है।
शहर छोड़कर भाग गये अराजक तत्वों पर तथ्यों के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी
इंटरनेट बंद करने किए जाने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि जहां स्थानीय प्रशासन ने उचित समझा, उन जगहों पर इंटरनेट सेवा बंद की गई है। इस बीच, लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि 218 लोगों को जेल भेजा गया है। कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि अराजक तत्व शहर छोड़कर भाग गये हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भीड़ को भड़काकर एकत्र किया है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।