लखनऊ डेस्क। पारिवारिक आर्थिक पृष्ठभूमि भी काफी कमजोर, लेकिन हौसले की कोई कमी नहीं थी पटियाला के छोटे से गांव हसनपुर की रहने वाली संदीप कौर के अंदर। संदीप कौर के चैंपियन बनने की राह आसान नहीं रही।कौर के घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। पिता सरदार जसवीर सिंह पटियाला में ऑटो चलाकर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
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आपको बता दें अपने हौसले के दम पर गांव से निकली एक बेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की बॉक्सर बनने का अपना सपना न केवल पूरा किया, बल्कि पोलैंड में हुए 13वें इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम भी रोशन कर दिया। हम यहां बात कर रहे हैं युवा भारतीय बॉक्सर संदीप कौर की।
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जानकरी के मुताबिक संदीप को बॉक्सर बनने से रोकने वालों को उनके पिता जसवीर सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि बेटी जो करना चाहती है मैं उसे वो कराकर ही मानूंगा। उन्होंने कहा- ‘मैं इतना कमाता हूं कि कोई भूखा नहीं सोएगा।’ पिता से मिले संबल ने संदीप को आगे बढ़ने का हौसला दिया और फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।