नई दिल्ली। पिछले साल ही केंद्र सरकार ने सर्विस टैक्स और केंद्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े पुराने लंबित विवादों का सामाधान करने के लिए एक खास स्कीम को लॉन्च किया था। सितंबर 2019 में लागू किया गया ‘सबका विश्वास’ स्कीम का अंतिम तारीख पहले 31 दिसंबर 2019 था, लेकिन बाद में सरकार ने इसे बढ़ाकर 15 जनवरी 2020 कर दिया था। ऐसे में अगर आपका भी कोई ऐसा विवाद है, जिसका आपने निपटारा नहीं किया है तो आपके पास अब केवल तीन दिन ही बचे हैं।
15 दिन के लिए बढ़ाई थी अंतिम तारीख
इस साल के शुरुआत में ही सरकार ने एक वक्तव्य में जानकारी देते हुए कहा था कि टैक्सपेयर्स द्वारा इस योजना के प्रति उनकी प्रतिक्रिया को देखते हुए सरकार ने इसकी अंतिम तारीख को 15 दिन के लिए बढ़ा दिया है। इस दौरान, सरकार ने यह भी साफ किया कि टैक्सपेयर्स की रुचि को देखते हुए यह विस्तार केवल एक बार के लिए किया गया है।
बजट में वित्त मंत्री ने किया था घोषणा
जिन करदाताओं ने इस योजना को अपनाया है, उन्होंने लंबित विवादों को निपटाने के लिए 30,627 करोड़ रुपये का टैक्स देने की प्रतिबद्धता जताई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी। यह योजना सेवा कर और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े पुराने विवादित मामलों को निपटाने के लिए लाई थी। योजना का नाम ‘सबका विश्वास’ (विरासती विवाद समाधान) योजना 2019 रखा गया है। योजना एक सितंबर से लागू है।
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केवल चार महीनों के लिए था समय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट में इस स्कीम की शुरुआत की थी। इस योजना के पीछे मंत्रालय का मकसद था कि बकाया राशि वालों को कुछ आंशिक छूट देकर इस तरह के सभी विवादों का निपटारा किया जाए। सरकार ने इस योजना को 1 सिंतबर 2019 से केवल चार महीनों के लिए ही लागू किया था।