नई दिल्ली। ईसाइयों के सर्वोच्च धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का एक बयान दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। पोप का ये बयान एक किताब को दिए उनके इंटरव्यू का हिस्सा है, जो बीते बुधवार को प्रकाशित हुई है। किताब को दिए इंटरव्यू में पोप ने कहा है कि अच्छी तरह से पका हुआ खाना या सेक्स से मिलने वाला सुख ‘दिव्य’ होता है।
पोप ने इटली के एक लेखक को दिए इंटरव्यू में कहा कि किसी भी तरह का आनंद हमें ईश्वर की तरफ से प्रत्यक्ष रूप से मिलता है। ये न तो कैथोलिक होता है, न ईसाई और न ही कुछ और ये केवल दिव्य होता है। पोप ने इंटरव्यू में कहा कि चर्च ने हमेशा अमानवीय, क्रूर, अशिष्ट आनंद की निंदा की है, लेकिन दूसरी तरफ मानवीय, सरल और नैतिक सुख को स्वीकार किया है।
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पोप ने कहा कि ईश्वर की नजर में ऐसी ईर्ष्यापरक नैतिकता की कोई जगह नहीं है। जो सुख को नकारता है। उन्होंने कहा कि बहुत पहले चर्च में इन बातों का पालन किया जाता था ,लेकिन धीरे-धीरे ईसाइयों के इस संदेश का गलत मतलब निकाला जाने लगा।
पोप ने कहा कि खाने का आनंद आपको स्वस्थ रखता है। ठीक उसी तरह जैसे कि यौन सुख प्यार को और खूबसूरत बनाता है। इससे विभिन्न प्रजातियों का अस्तित्व कायम रहता है। उन्होंने कहा कि विरोधी विचारों ने बहुत नुकसान पहुंचाया है, जिसे आज भी कुछ मामलों में दृढ़ता से महसूस किया जा सकता है।
पोप ने कहा कि खाने का आनंद और यौन सुख भगवान से मिलता है। पोप ने अपने बयान के समर्थन में Babette’s Feast नाम की फिल्म का भी जिक्र किया। पोप का ये इंटरव्यू TerraFutura नाम की किताब में छपा है जिसके लेखक पेट्रिनी हैं। ये इंटरव्यू पर्यावरण और सामाजिकता के प्रति पोप का दृष्टिकोण जानने के लिए किया गया था।