लखनऊ डेस्क। आज भले ही महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हों लेकिन ऐसा कम ही जगह देखा गया है आजादी की लड़ाई में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलीं आइये जाने उन महिलाओं के बारे में जिन्होंने देश के हित में बड़ा योगदान दिया है –
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महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई लेकिन उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी में उनसे भी ज्यादा साहस था। अपने पति के साथ वो आजादी की लड़ाई में हमेशा साथ रहीं। गांधीजी के मना करने के बावजूद वो जेल गईं और कई यात्नाएं सही। इस दृढ़ महिला से इस समाज को सीख लेनी चाहिए।
भारत की कोकिला के नाम से मशहूर सरोजनी नायडू ने आजादी की लड़ाई में कड़ा संघर्ष किया था. देश की आजादी में महिलाओं को जागरुक करने का मुख्य काम इन्होंने ही की थी। महिलाओं को रसोई घरों से निकालकर सड़क में आजादी के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया था। देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर इन्होंने महिलाओं से बात की थी। कवियत्री होने के साथ-साथ वो देश की पहली महिला गवर्नर भी बनी थीं।
आजादी से पहले महिलाओं और बच्चियों की शिक्षा पर कम जोर दिया जाता था। ऐसे में सावित्री बाई फूले ने इस काम का जिम्मा उठाया। अति आत्मविश्वास और धैर्य के साथ वो महिलाओं को शिक्षित करने का काम करती थीं। 19वीं सदी में अपने पति ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर इन्होंने सती प्रथा, बाल विवाह, छुआछूत, अंधविश्वास के खिलाफ काम किया।
जब भी हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो हमारे ज़हन में रानी लक्ष्मीबाई का नाम जरूर आता है। इस वीरांगना ने कम उम्र में ही अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। उनके साहस और युद्ध कौशल की प्रशंसा अंग्रेजों ने भी की थी। रानी लक्ष्मीबाई की सेना में ना सिर्फ पुरुष थे बल्कि महिलाएं भी थीं जिन्हें युद्ध की कला सिखाई गई थी।