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शरीर की सुस्ती दूर कर, मानसिक शांति का अनुभव कराए ये तीन योग

योग

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नई दिल्ली। योग एक ऐसा साधन है, जो न केवल हमारे तन को स्वस्थ रखता है बल्कि मन भी प्रसन्न रखता है। अगर इसका रोजाना अभ्यास किया जाए तो शरीर की सुस्ती भी भाग जाती है। इसके साथ ही मानसिक शांति का अनुभव होता है। तो आइए जानतें रोजाना वह कौन से तीन आसन हैं? जिन्हें करने से शरीर चुस्त-दुरुस्त और तंदुरुस्त रहता है।

पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन का अभ्यास करना बहुत ही आसान है। सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं। ध्यान रखें कि पैर दोनों एक सीध में हो और हाथ बगल में रखें हो। एक गहरी सांस लेकर उसे छोड़ते हुए अपने घुटनों को छाती की ओर ले आएं और जांघों को अपने पेट पर दबाएं। अपने हाथों को पैरों के चारों ओर इस तरह से जकड़ें जैसे कि आप अपने घुटनों को टिका रहे हो।

सुप्त मत्स्येंद्रासन

नाम के विपरीत यह आसन करना बेहद आसान है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं। दोनों हाथों को 180 डिग्री के कोण पर या कंधों की सीध में रखें। अब दायें पैर को घुटनों से मोड़ें और ऊपर उठाएं और बांये घुटने पर टिकाएं। अब सांस छोड़ते हुए दायें कुल्हे को उठाते हुए पीठ को बाईं ओर मोड़े और दायें घुटने को जमीन पर नीचे की ओर ले जाएं।

इस दौरान आपके दोनों हाथ अपनी जगह पर ही रहने चाहिए। आपका सिर बायीं ओर रहेगा। यही क्रिया आपको बाएं पैर के साथ करनी है। इस क्रिया को आप तीन से पांच बार कर सकते हैं। इससे आपकी पीठ, नितंब, रीढ़ और कमर की हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होंगी।

वक्रासन

वक्रासन को बैठकर किया जाता है। इसमें आपका मेरूदंड सीध में होता है। इसे करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। मेरूदंड को सीध में रखें। अपने दोनों हाथों को आंखों की सीध में सामने हाथ पंजों को जोड़ें सांस अंदर लेते हुए दायीं तरह जाएं और सांस छोड़ते हुए वापस पूर्व की मुद्रा में आएं। अब यही क्रिया बायीं ओर करनी है। इसे आप तीन से पांच बार करें। इसे करने में जल्दबाजी न दिखाएं।

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