लखनऊ: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International women’s day) के मौके पर मंगलवार को महिला कल्याण विभाग (Women Welfare Department) के तत्वावधान में आयोजित ‘अनंता’ कार्यक्रम (Webinar) में प्रदेश की 10 महिलाओं ने संघर्ष का सामना कर सफलता प्राप्त करने की अपनी कहानी को सुनाकर हर किसी का दिल जीत लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रमुख सचिव -महिला एवं बाल विकास अनीता सी मेश्राम ने कहा कि सरकार की जो भी कल्याणकारी योजनाएं (Welfare schemes) तैयार की जाती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बड़ा आंकड़ा, भारत में पुरुषों से अधिक महिलाएं
इस अवसर पर प्रमुख सचिव ने कहा कि गर्भस्थ शिशु के बेहतर ख्याल के लिए जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना है तो प्रारम्भिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के लिए कन्या सुमंगला योजना है। कमजोर वर्ग की बेटियों की शादी में आर्थिक मदद की भी व्यवस्था है। इसके अलावा निराश्रित महिलाओं की मदद के लिए पेंशन आदि की भी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिंगानुपात में आए बड़े सुधार को महिलाओं की स्थिति में आने वाले बदलाव के रूप में देखा जा सकता है।
वर्ष 2015-16 में जहां 1000 प्रति पुरुष पर औसतन 995 महिलाएं थीं वहीं राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे – 2019-21 के मुताबिक वह बढ़कर 1017 हो गईं हैं। उन्होंने वेबिनार में शामिल प्रदेश भर की महिलाओं के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि उनकी संघर्ष भरी दास्तान अन्य महिलाओं के आगे बढ़ने की राह को आसान बना सकेगी।
महिला कल्याण विभाग ने महिला दिवस पर प्रदेश की उन 10 महिलाओं को ‘अनंता’ सम्मान से नवाजा, जिन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए आज एक बेहतर मुकाम पर हैं और सैकड़ों अन्य किशोरियों व महिलाओं की मददगार बनी हुई हैं। इनमें शामिल रहीं सहारनपुर की रश्मि टेरेंस, महराजगंज की सरस्वती यादव, हाथरस की रेनू रावत, हापुड़ की डॉ. निशा रावत, चित्रकूट की माया देवी, मिर्जापुर की अजीता श्रीवास्तव, मुरादाबाद की शिखा गुप्ता, बांदा की रूबी जैनब, गाजियाबाद की नीलम त्यागी और इटावा की डॉ. प्रीति पाण्डेय।