राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि आदिवासी- वनवासी समुदाय के विकास के बिना देश और समाज का विकास नहीं हो सकता है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के बाभनी विकास खंड के कारिडाड़, चपकी स्थित सेवा समर्पण संस्थान द्वारा संचालित सेवा कुंज आश्रम में नवनिर्मित स्कूल और छात्रावास का रविवार को लोकार्पण करने के बाद कोविंद ने कहा कि जब भगवान राम ने रावण से युद्ध में विजय पाई थी, उसमें वनवासियों का बहुत बड़ा सहयोग था। उसी प्रकार यदि देश और समाज को आगे बढ़ाना है तो पहले वनवासी समाज को आगे ले जाना होगा।
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उन्होंने कहा कि सोनभद्र चार प्रदेशों की सीमाओं से घिरा हुआ है और ऐसे स्थान पर स्कूल और छात्रावास संचालित होने से उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के सीमावर्ती इलाकों के वनवासी छात्रों को भी लाभ होगा ढ कोविंद ने कहा कि वनवासी क्षेत्र उनके लिए तीर्थस्थल जैसे हैं और यदि वनवासी प्रोत्साहित हों तो देश ही नहीं विदेश में भी भारत का नाम रोशन करेंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल से अपेक्षा की कि केंद्र सरकार से तालमेल बिठाकर वनवासियों को आगे बढ़ाने में योगदान करें। कोविंद ने कहा कि भारत की आत्मा वनवासी- आदिवासी क्षेत्रों में बसती है यदि कोई भी इस संस्कृति से परिचित होना चाहता है तो उसे सोनभद्र जैसे जिलों में समय बिताना चाहिए। उन्होंने कहा कि विलुप्त होती जा रही वनवासी कलाओं के विकास के लिए सेवा समर्पण संस्थान कार्य कर रहा है। महापुरुषों की स्मृतियों और लोक कलाओं तथा गीतों के संरक्षण का कार्य भी किया जा रहा है ।
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आशा करता हूँ कि वनवासी क्षेत्रों के विकास के लिए और भी कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता रहेगा। उन्होंने सेवा समर्पण संस्थान द्वारा संचालित सेवा कुंज आश्रम परिसर में निर्मित स्कूल, छात्रावास और भोजनालय के भवनों का लोकार्पण किया । यह निर्माण एनटीपीसी रिहंद द्वारा कराया गया है।
एनटीपीसी द्वारा लगभग 11 करोड़ रुपयों की लागत से 18 कक्षाओं और 24 कमरों के छात्रावास का निर्माण कराया गया है। इसके अतिरिक्त अबाध विद्युत आपूर्ति के लिए 40 किलोवाट का सोलर पावर भी स्थापित किया गया है। कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ भारत की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे।