कानपुर। आज पूरी दुनिया सहित भारत देश भी कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इसी बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों से आर्थिक मदद की अपील कर रहे हैं। पीएम मोदी की अपील होते ही देश में हर तरफ से मदद के हाथ बढ़े हैं। उद्योग जगत,बॉलीवुड,स्वयं सेवी संगठन,खिलाड़ी,आम आदमी सहित सभी लोग अपना योगदान दे रहे हैं।
शिक्षक विनय सिंह सिकरवार की सात साल की बेटी अग्रिमा को सोच को सलाम
इन सबके बीच कानपुर देहात की रहने वाली सात साल की मासूम ने ऐसा काम कर दिया, जो बड़े-बड़ों को प्रेरणा देने वाला है। यह बच्ची देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का गृहनगर झींझक की रहने वाली है, इस कस्बे की रहने वाले शिक्षक विनय सिंह सिकरवार की सात साल की बेटी अग्रिमा कक्षा एक में पढ़ती है।
मासूम बेटी की पेशकश को पापा करना पड़ा पूरा
अग्रिमा सोमवार को अपने पापा से बोली मुझे भी कुछ करना है। देश में लोग बहुत परेशान हैं, मैं भी कुछ करना चाहती हूं। विनय सिंह ने उसे समझाते हुए कहा कि तुम अभी छोटी क्या कर सकती हो? इसी बीच मासूम ने पापा के सामने ऐसी पेशकश की कि वह भी उसकी मासूमियत देखकर कुछ कह न सके। आखिर में उन्होंने उसकी जिद पूरा करना ही पड़ा।
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पुलिस अंकल, ये मेरा गुल्लक लेकर जरूरतमंद को दान दे दो
बता दें कि अग्रिमा अपनी गुल्लक लेकर पापा विनय सिंह के पास पहुंची और बोली पापा इसमें जमा पैसे को जरूरतमंद को दान दे दो। इसके बाद विनय सिंह बेटी को बाहर लेकर दरवाजे पर निकले तो गश्त कर रहे चौकी इंचार्ज अनिल कुमार यादव आ गए। तभी अग्रिमा सीधे उनके पास पहुंची और बोली-पुलिस अंकल, यह ले लो हमारी गुल्लक, इससे कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में लगा दो। इस मासूम उम्र में उसकी इतनी बड़ी बात सुनकर चौकी इंचार्ज भी अवाक रह गए।
विनय सिंह के कहने पर चौकी इंचार्ज गुल्लक हाथ में लेकर खोला तो उसमें 3500 रुपये निकले। जिसके बाद चौकी इंचार्ज समेत पुलिस कर्मियों ने मासूम बेटी अग्रिमा उत्साह बढ़ाया और शाबासी देते हुए बोले यह हमारे देश का नाम रोशन करेगी।
कोरोनावायरस की खबरों से विचलित थी अग्रिमा
विनय सिंह ने बताया कि अग्रिमा घर पर कभी कभी बड़ी गंभीर बातें करती है, जिसे सुनकर वह अक्सर चौंक जाते हैं। वह पूछती है कोरोनावायरस से लोगों को बचाने के लिए कुछ करना है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र और टीवी पर भूखे प्यासे लोगों को पैदल घर जाते देखकर वह दुखी है। टीवी पर सुनती है कोरोनावायरस के लिए उसने इतने करोड़ दिए, फलां हस्ती ने इतने लाख दिए तो पूछती हम कुछ क्यों नहीं दे सकते? वह उनकी मदद के लिए भी कहती है, उसकी बातें सुनकर समझाते हैं। सोमवार सुबह जब अग्रिमा अपनी गुल्लक देने की बात कही तो मैं सोच में पड़ गया, कि इसकी खेलने कूदने की उम्र में इतना बड़ा सोच रही है। तो उन्होंने कहा कि मुझे अपनी बेटी पर गर्व है।