नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पवित्र पौधा मानी जाने वाले तुलसी से इस्लाम का भी कनेक्शन है। अरबी भाषा में तुलसी को रेहान कहा जाता है। इसे पाकीजगी से जोड़ा गया है। रेहान का शाब्दिक अर्थ है, जन्नत का पौधा।
मुस्लिम घरों में इसकी पूजा जैसा नहीं है कोई रिवाज
हालांकि मुस्लिम विद्वानों का कहना है कि इसे जन्नत का पौधा मानने के बाद भी उनकी धार्मिक चीजों में इसकी कोई भूमिका नहीं। मुस्लिम पॉलिटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव डॉ. तस्लीम रहमानी के अनुसार इस्लाम में एक शब्द है रेहान। इसके मायने हैं यानी पवित्र पौधा। रेहान को हिंदी में तुलसी का पौधा कहते हैं। हालांकि मुस्लिम घरों में इसकी पूजा जैसा कोई रिवाज नहीं है।
जन्नत की बूटी मानने से मना करते हुए कहता है कि रेहान का मतलब खुशबूदार घास
उत्तर प्रदेश के सिद्दार्थनगर जिले के इस्लामी विद्वान मौलाना अब्दुल मुअीन मदनी के अनुसार रेहान यानी तुलसी को इस्लाम में मुफीद और पाक बताया गया है। कुरान में भी इसकी खूबसूरती और खुशबू का जिक्र मिलता है। कुदरती तौर पर फायदेमंद होने की वजह से ये पौधा मुस्लिम घरों में भी लगाया जाता है। हालांकि इस्लाम में ही तुलसी को रेहान मानने वाले दो खेमों में बंटे हुए हैं। एक खेमा इसे जन्नत की बूटी मानने से मना करते हुए कहता है कि रेहान का मतलब खुशबूदार घास है।
बेहद लोकप्रिय इस पार्क में कुरान से ताल्लुक रखने वाले तरह-तरह के पौधे लगाए गए
दुबई शहर में कुरान पार्क बनाया गया है। बेहद लोकप्रिय इस पार्क में कुरान से ताल्लुक रखने वाले तरह-तरह के पौधे लगाए गए हैं। पहले इनमें तुलसी को भी शामिल करने की योजना थी, लेकिन जानकारों के एक खेमे के विरोध के बाद इरादा टाल दिया गया। अब यहां पर अंगूर, अंजीर, लहसुन, लीक, प्याज, मकई, मसूर, गेहूं, सेम, अदरक, केले, अनार, जैतून, खरबूजे, चिमनी, तुलसी, कद्दू और खीरे के पौधे लगाए गए हैं।
मुस्लिम शाखा ने तुलसी को लेकर एक विवादित दिया था बयान
साल 2017 में RSS (विश्व हिंदू परिषद) से जुड़ी मुस्लिम शाखा ने तुलसी को लेकर एक विवादित बयान दिया था। संघ के इस मुस्लिम संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा था कि कुरान में जिस जन्नत के पौधे के बारे में बात होती है, वो और कुछ नहीं, बल्कि असल में तुलसी का पौधा है। कुछ वक्त पहले इस मंच ने ये भी कहा था कि वो हर मुस्लिम के घर पर तुलसी का पौधा लगाने का अभियान चला सकता है।