नई दिल्ली। सर्दियों के मौसम में हरी मटर (green peas) बड़े चाव से खाई जाती है। मटर खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है। उतनी ही स्वास्थ्य वर्धक भी।
हरी मटर (green peas) को रोगों का दुश्मन कहा जाए, तो गलत ना होगा। विशेषज्ञ हरी मटर को सेहत का खजाना मानते हैं। इसके अलावा हरी मटर हर रसोई की शान होती है। पुलाव मटर पनीर, गाजर मटर, बिरयानी में मटर के बिना न स्वाद आएगा और ना ही रंगत। इसके अलावा बहुत सारे पकवान हरी मटर की वजह से काफी स्वादिष्ट लगते हैं।
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इन सबके साथ ही मटर पौष्टिकता व चिकित्सकीय गुणों की खान कहा जाता है। आयुर्वेद के शास्त्रों में तो हरी मटर से अनेकों रोगों में लाभ का वर्णन किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक हरी मटर में लगभग 78% जल,5.5 प्रतिशत प्रोटीन, 16% कार्बोहाइड्रेट, 100 ग्राम हरी मटर में लगभग 80 कैलोरी मिलती है।
हरी मटर खनिज तत्वों का खजाना
हरी मटर के 100 ग्राम दानों में 27 मिलीग्राम कैल्शियम 154 मिलीग्राम लौह तत्व 270 मिलीग्राम पोटैशियम 110 मिलीग्राम फास्फोरस 120 मिलीग्राम जिंक जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसीलिए मटर सेहत के लिए काफी हितकारी कही जाती है।
विटामिन का भंडार है हरी मटर
कोई शख्स यदि 100 ग्राम हरी मटर के दाने का सेवन करता है। तो उससे दैनिक जीवन में जरूरत पड़ने वाली विटामिन मिल जाती है। हरी मटर में विटामिन सी विटामिन b1 विटामिन B2 विटामिन B3 विटामिन बी सिक्स विटामिन बी-9, विटामिन ए विटामिन बी और विटामिन के हरी मटर के आरोग्य कारी स्वास्थ्यवर्धक गुणों को बताने के लिए काफी है।
जवानी में आ गए बुढ़ापे को दूर भगाने में काम आती है मटर
जल्दी-जल्दी बीमार होना, रोग प्रतिरोधक शक्ति का कम होना। भरपूर जवानी में बुढ़ापे जैसे लक्षण कमजोरी थकान, सांस फूल जाना,यादाश्त में कमी आना आदि समस्याएं जीवन की एक एक साँस को कष्टप्रद बना देती है । हरी मटर, चुकंदर और टमाटर का पर्याप्त मात्रा में सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर नव यौवन प्रदान करता है।
इसके अलावा वजन घटाने, बेकाबू मधुमेह से निजात दिलाने के काम भी आती है मटर। लेकिन जानकार बताते हैं मटर का सेवन सावधानी से करना चाहिए। नहीं तो अपाच, गैस और कब्जियत का करण भी मटर बन सकता है।