भराड़ीसैंण। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में बजट सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण का वेल में आकर विरोध करते हुए ”गो बैक के नारे लगाए गए। राज्यपाल (Governor) ने कहा कि प्रधानमंत्री के विश्वास के तहत उत्तराखंड को नम्बर वन बनाने के संकल्प साथ राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है। इसके बाद विधानसभा सत्र अगले दिन (मंगलवार) सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सोमवार सुबह 11 बजे राज्यपाल के अभिभाषण से सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान विपक्षी विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण का जमकर विरोध किया। कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक प्रदेश की बिगड़ती क़ानून व्यवस्था को लेकर घेरा। राज्यपाल (Governor) के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही तीन बजे शुरू हुई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने राज्यपाल के अभिभाषण को वाचन किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) (Governor) ने अभिभाषण के पश्चात पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड के पंचम विधानसभा के पहला सत्र के दिन राज्यपाल के रूप अभिभाषण को पढ़ना मेरे लिए सौभाग्य का दिन है। गैरसैंण के भराड़ीसैंण में आने से एक अलग खुशी हुई है। जिस विशाल रूप और भव्यता से विधानसभा की भवन बनाया गया है, यहां देखने के बाद उत्तराखंडियत होने का गर्व महसूस होता है।
राज्यपाल (Governor) ने कहा कि हमारी सरकार राष्ट्र, प्रदेश और जनहित में क्या कर सकती है। हर विभाग अपने योजना के अनुसार आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड छोटा प्रदेश होने के बावजूद देशभर में अपना स्टैंडर्स दिखा रहा है। भारत को विश्वगुरु और उत्तराखंड को नम्बर वन बनने से कोई नहीं रोक सकता। सरकार के साथ हर उत्तराखंडी मेहनत के साथ अच्छा कार्य कर रहा है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार के विकास का मजबूत संकल्प है। अभिभाषण में उत्तराखंड के विकास की ठोस झलक दिखाई देती है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष के विरोध पर कहा कि यह सही परंपरा नहीं है। अभिभाषण राज्य का अभिभाषण होता है और विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। वह बेवजह मुद्दों को तूल दे रहा है।
14 मार्च (मंगलवार) को अध्यादेश को पटल पर रखा जाएगा। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की प्रस्तुति और विधायी कार्य होंगे।