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नई GST रेट आपकी तोड़ेगी कमर, आटा, दाल से लेकर कई चीजे हुई महंगी

GST 

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नई दिल्ली: महंगाई का बोझ पहले से आम जनता की कमर तोड़ी थी अब घरों का बजट आज से ओर बिगड़ेगा। रोजाना उपयोग में आने वाली चीजें अब ओर महंगी मिलेंगी। केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार 18 जुलाई से प्रीपैक्ड प्रोडक्ट पर 5 फीसदी GST  वसूल की जाएगी, जिसमें आटा, दाल, दही जैसी जरूरी खाद्य वस्‍तुएं भी शामिल हैं। हालांकि, कुछ उत्‍पादों की कीमतों में आज से कमी भी आ गई है। नए नियमों के तहत सभी कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट के रेट भी बढ़ा दिए हैं। जहां पुराने कीमत वाले पैकेट हैं उनसे कहा गया है कि वो उसमें 5 फीसदी जीएसटी जोड़कर ही बेचें।

आज से अनब्रांडेड प्रोडक्ट जो 25 किलो या उससे कम की पैकिंग में है, उस पर 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इस नए टैक्स से चावल, आटा, मैदा, सूजी, पोहा, दही, छाछ, लस्सी, गुड़, चावल, चपटा या पीटा हुआ चावल, पार्च्ड चावल, सिंचाई किट, आर्थोपेडिक उपकरण, शरीर के कृत्रिम अंग, सर्जिकल बेल्ट, सोलर वाटर हीटर और सिस्टम, प्रिटिंग स्याही, बाल पेन स्याही, चम्मच, साइकिल पंप, दूध निकालने वाली मशीन, बीज आदि चीजें महंगी ही मिलेंगी। अब किफायती होटल के कमरों पर भी जीएसटी लगेगा. अभी तक 1 हजार रुपये से कम के होटल रूप को किराये पर लेने पर कोई जीएसटी नहीं लगता था, लेकिन अब 12 फीसदी जीएसटी देना होगा।

डूमरतराई थोक बाजार के अध्यक्ष राम मंधान ने बताया कि आजादी के बाद देश में पहली बार अनाज या अन्य खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया है। इससे पहले कभी भी दाल, चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी पर टैक्स नहीं लगा है। जीएसटी परिषद के फैसलों के बाद अस्‍पताल में भर्ती होने पर अगर रूम का किराया 5 हजार से अधिक होगा तो भी जीएसटी देना होगा। केंद्र सरकार ने अपनी अधिसूचना में ड्राय लेगुमिनियस वेजिटेबल्स शब्द के सहारे सभी प्रकार के उत्पादों को भी पांच प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाने का रास्ता साफ कर लिया है। यानी सूखी सब्जियां या उससे बने प्रोडक्ट भी लोगों को महंगे मिलेंगे।

महीने का राशन 1000 रुपए तक होगा महंगा

छत्तीसगढ़ के 85 प्रतिशत से ज्यादा घरों में 100 में 80 तरह की चीजें अनब्रांडेड ही उपयोग में आती है। यानी लोकल प्रोडक्ट ही खरीदे जाते हैं। इन पर लोकल कारोबारियों का अपना मार्का होता है। अब यह सारी चीजें लोगों को महंगी मिलेंगी, क्योंकि लेबल या मार्का लगाने की वजह से यह चीजें जीएसटी के दायरे में आ जाएंगी। अब यह सामान लेने पर एक घर का बजट कम से कम 800 से 1000 रुपए तक बढ़ जाएगा।

किस पर लगेगा और किस पर नहीं

अनब्रांडेड आइटम खुले में यानी बिना पैकिंग बेच रहे हैं तो अभी उस पर जीएसटी नहीं लगेगा। कोई आइटम सादे या जुट बैग में बिना किसी लेबल-मार्का के बेचते हैं तो जीएसटी नहीं लगेगा। पैकेट बना रहे और उस पर लेबल लगाकर संस्था का नाम लिख रहे हैं तो उसमें जीएसटी लगेगा। 25 किग्रा या लीटर से ज्यादा पैकिंग है तो जीएसटी नहीं लगेगा। लेकिन ब्रांडेड आइटम में लगेगा।

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