भारत की महिलाओं ने पिछले कुछ वर्षों में काफी तरक्की की है। साल 2021 में भारतीय महिलाओं (top women achievers) ने खासतौर पर ऐसे कई कीर्तिमान हासिल किए, जो आज लाखों महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। इन महिलाओं ने यह साबित किया है कि किसी भी चीज को पाना नामुमकिन नहीं है और आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है।
इनमें से किसी ने किसी खेल के दुनिया में, तो किसी ने कला की दुनिया में, तो किसी ने खेल में सबसे आगे रहकर परचम लहराया है। देश की बेटियों ने यह बात हर कदम पर साबित की है कि हमारी बेटी आज किसी बेटे से कम नहीं है। वह हर क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर सकती है।
आज इस लेख में हम आपको उन महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने साल 2021 को अपने नाम किया। तो चलिए जानते हैं इन इंस्पिरेशनल महिलाओं के बारे में।
लीना नायर
भारतीय मूल की लीना नायर ने देश का सिर ऊंचा किया है। कल उन्हें फ्रांस के लग्जरी ग्रुप शनैल लंदन में अपना नया ग्लोबल चीफ एग्जिक्युटिव नियुक्त किया है। लीना ग्रुप में नए साल यानी जनवरी से शामिल होंगी। महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली लीना ने शुरुआती पढ़ाई कोल्हापुर से ही की थी और आगे की पढ़ाई के लिए वह जमेशदपुर गई थीं। साल 2013 में उन्हें एंगलो-डच कंपनी के लंदन हेक्वार्टर में लीडरशिप और ऑर्गेनाइजेशन डवलेपेंट का ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया था। इसके बाद 2016 में वह यूनीलीवर की सबसे कम उम्र की पहली महिला सीएचआरओ बनी थीं।
फाल्गुनी नायर
नायका की फाउंडर फाल्गुनी नायर ने भारत की सबसे अमीर सेल्फ मेड महिला करोड़पति बनने पर इतिहास रचा है। फाल्गुनी ने 50 साल की उम्र में कुछ अपना करने के बारे में सोचा और नायका की शुरुआत की। नायका एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना, जहां हर तरह के कॉस्मेटिक और ब्यूटी प्रोडक्ट्स उपलब्ध होते हैं। फाल्गुनी ना सिर्फ कंपनी में शेयर होल्डर और फाउंडर हैं बल्कि वो 7 अन्य प्रमोटर्स के जरिए कंपनी की कमान संभालती हैं।
अवनी लखेरा
टोक्यो पैरालंपिक में भारत की शूटर 19 वर्षीया अवनी लेखरा ने इतिहास रचा। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इसके साथ-साथ अवनी ने पैरालंपिक का 249.6 का रिकॉर्ड भी बनाया है। 11 साल की उम्र में एक हादसे का शिकार हुई अवनी को अभिनव बिंद्रा से शूटिंग की प्रेरणा मिली और तब से आज तक वह कई अवॉर्ड्स जीत चुकी हैं। इससे पहले भी साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में भी अवनी लेखरा ने अपना परचम लहराया था।
मंजम्मा जोगती
कर्नाटक के बेल्लारी जिले में जन्मीं मंजम्मा जोगती ट्रांसजेंडर फोक आर्टिस्ट हैं, जिन्हें इस साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था। मंजम्मा का अवॉर्ड लेने का तरीका काफी निराला था और उनका एक वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। उन्होंने कड़े संघर्ष और कई चुनौतियों के बाद इतना लंबा सफर तय किया और आज अपने लिए यह मुकाम हासिल किया। इतना ही नहीं, आज उनकी कहानी को कर्नाटक के स्कूलों में पढ़ाया भी जाता है।
भूरी बाई
आदिवासी समुदाय से आने वाली भूरी बाई, मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पिटोल गांव की रहने वाली हैं। उन्हें बचपन से ही चित्रकारी का शौक था और यही शौक उन्हें देखते ही देखते ऐसी जगह ले आया जहां उन्हें लोगों ने जाना और पहचाना। उनके काम को विदेशों में लोकप्रिय संग्रहालयों और दीर्घाओं में प्रदर्शित किया जाता है। भूरी बाई को भील आर्ट’ को रिवाइव करने के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना
भारत की जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने, जो बहुत जल्द ही हमारे देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बनने वाली हैं। जस्टिस बी वी नागरत्ना वर्ष 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश यानी कि चीफ जस्टिस होंगी। वर्तमान में जस्टिस बी वी नागारत्ना कर्नाटक हाईकोर्ट की जज हैं और वो देश में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे ई एस वेंकटरमैया की पुत्री हैं। यह हमारे लिए एक गर्व की बात है कि अब जाकर हमारे देश को पहली चीफ जस्टिस मिलेंगी।
रमनजोत कौर
पंजाब के चंडीगढ़ की रहने वाली रमनजोत कौर ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस पर सूर्य नमस्कार करके एक तरह का रिकॉर्ड बनाया। 25 वर्षीय छात्रा ने पर्वतारोहण अभियान के दौरान इस चोटी पर चढ़कर पर सूर्य नमस्कार किया था, जिसे लोगों द्वारा खूब पसंद किया गया था। आपको बता दें कि माउंट एल्ब्रस रूस और यूरोप की सबसे ऊंची और सबसे प्रमुख चोटी है।
जसवंतीबेन जमनादास पोपट
इस साल 91 साल की जसवंती बेन पोपट, जिन्हें लिज्जत पापड़ की शुरुआत करके उसे भारत का सबसे बड़ा पापड़ ब्रान्ड बनाने का श्रेय जाता है, उन्हें भी पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया था। आपको बता दें कि लिज्जत पापड़ की शुरुआत जसवंतीबेन ने 15 मार्च, 1959 को की थी। तब उन्होंने अपने छह साथियों के साथ गिरगाम, महाराष्ट्र में एक छोटी सी जगह पर इसकी शुरुआत की थी। उन्हें व्यापार और उद्योग श्रेणी में उनके विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया था।