हरिद्वार। “पूत कपूत सुने हैं पर न माता सुनी कुमाता” आपने यह लाइन जरुर सुनी होगी की एक पूत कपूत बन सकता है लेकिन एक माता कभी कुमाता नही बन सकती है यहां तो बिल्कुल अलग ही है एक माता ही कुमाता बन बैठी है जी हां बिल्कुल सही सुना एक छह माह का बेटा बहुत रोता था और हमेशा स्तनपान ही करता रहता था, इससे परेशान होकर मां ने ही उसे गंगा में डूबाकर मार डाला।आइये जानें पूरी कहानी-
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आपको बता दें संडे की शाम जब मासूम के घर से रहस्यमय ढंग से गायब होने की खबर कनखल पुलिस को मिली, तब एसओ हरिओमराज चौहान खुद महिला के घर पहुंचे। उन्होंने जब संगीता से बातचीत की तो वह बिल्कुल सामान्य दिखाई दी। उसके चेहरे पर बेटे के लापता हो जाने जैसा कोई दुख नजर ही नहीं आ रहा था। यह बात एसओ को अटपटी लगी, फिर पुलिस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई।
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जानकारी के मुताबिक मासूम बेटे के कत्ल के बाद महिला ने पुलिस को गच्चा देने की कोशिश जरूर की, लेकिन नाकामयाब रही। चंद सवालों में ही असलियत उसकी जुबां पर आ गई। कनखल पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो संदेह चंद मिनट में ही हकीकत में बदल गया।