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इन 15 लोकप्रिय चीजों का आविष्कार कर पछता रहे खोजने वाले आविष्कारक

आविष्कार

आविष्कार

न्यूज डेस्क। आज के समय में आविष्कार होने की प्रक्रिया इतनी आगे बढ़ चुकी हैं कि इस दौर के हर एक इंसान की ज़िंदगी मानो अब नई-नई तकनीकों पर ही निर्भर हैं। वैसे तो ये आविष्कार लोगों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए ही होती हैं। इसीलिए आवश्यकता को ही आविष्कार की जननी कहा जाता है।

बता दें कि कुछ आविष्कार तो ऐसे हैं जिन्हे दुनियाभर में बेहद लोकप्रिय माना जाता हैं, जबकि कुछ आविष्कार लोग तो खूब पसंद करते हैं, लेकिन उन्हें खोजने वाले आविष्कारक खुश नहीं हुए। उन्हें अपने आविष्कार पर पछतावा हुआ। आज हम आपको दुनिया के ऐसे ही 15 लोकप्रिय आविष्कारों के बारे में बताने जा रहे हैं।

एटम बम (Atomic Bomb)

अमेरिका के मैनहटन प्रोजेक्ट की देन है एटम बम। इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व रॉबर्ट ओपनहाइमर ने की थी जिन्हें एटम बम का जनक भी कहते हैं। पहले ओपनहाइमर अपनी इस सफलता पर काफी खुश थे। उन्होंने दुनिया का पहला परमाणु हथियार ढूंढा था। लेकिन बाद में उन्हें इसके लिए पछतावा हुआ।

इस हथियार पर प्रतिबंध लगाने के लिए उन्होंने सरकार से गुजारिश की। 1945 में तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन से भी मिले। जिसके बाद ओपनहाइमर ने कहा था- ‘मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरे हाथ खून से रंगे हैं’।

इस आविष्कार को प्रोत्साहन देने वाले वैज्ञानिक आइंस्टीन को भी अपने फैसले पर पछतावा हुआ था। उन्होंने इसे अपनी सबसे बड़ी गलतियों में से एक कहा था।

शॉपिंग मॉल (Shopping Malls)

1950 के दशक में दुनिया में पहली बार शॉपिंग मॉल की अवधारणा विकसित करने का श्रेय विक्टर ग्रुएन के नाम है। उनका जन्म यूरोप में हुआ था। उन्हें अमेरिकन शॉपिंग मॉल का जनक भी कहते हैं।

ग्रुएन ने ऐसी जगह की कल्पना की जहां खरीदारी और संस्कृति एक छत के नीचे हो। लेकिन बाद में उन्हें महसूस हुआ कि अमेरिकी मॉल्स ने असल में शहरों को बर्बाद किया। अपनी इस खोज पर उन्हें बेहद पछतावा था।

एके-47 राइफल्स (AK 47 Rifles)

मिखाइल कलाश्निकोव (Mikhail Kalashnikov) ने इस ऑटोमेटिक असॉल्ट राइफल का आविष्कार 1947 में किया था। उनके और आविष्कार के साल के नाम पर इस बंदूक का नाम ऑटोमैट कैलाश्निकोव 1947 (AK-47) रखा गया।

इसका आविष्कार रूसी सेना के लिए किया गया था, जिन्होंने 1949 में इस हथियार का इस्तेमाल शुरू किया। लेकिन बाद में अन्य देशों द्वारा भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा। आज लगभग हर देश में एके-47 मौजूद है।

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अपने इस आविष्कार के कारण कैलाश्निकोव रूस के हीरो बन गए थे। पूरी जिंदगी अपने आविष्कार का पक्ष भी लेते रहे और हिंसा के लिए राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराते रहे। लेकिन अपनी 2013 में मृत्यु के एक साल पहले उन्होंने रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च को एक चिट्ठी लिखी जिसमें इस हथियार को बनाने के बाद का दर्द बयां किया। लिखा कि इसके कारण होने वाली हत्याओं के लिए वह खुद को जिम्मेदार मानते हैं और यह उनके लिए असहनीय है।

ऑफिस क्यूबिकल्स (Office Cubicles)

कार्यालयों में क्यूबिकल की व्यवस्था को 1964 में डिजाइन किया गया था। इसका डिजाइन तैयार करने वाले शख्स का नाम था रॉबर्ट प्रॉप्स्ट।

रॉबर्ट ने अपने डिजाइन को एक्शन ऑफिस (Action Office) नाम दिया था। कर्मचारियों को निजता देने और काम की उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से इसे डिजाइन किया गया था।

लेकिन आज कार्यालयों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध क्यूबिकल्स की इस व्यवस्था की खोज करने के 33 साल बाद वर्ष 1997 में रॉबर्ट ने कहा था- बड़े और खुले कार्यालयों में क्यूबिकल सिस्टम रखना पागलपन है।

डायनामाइट (Dynamite)

डायनामाइट का आविष्कार स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल ने किया था। वो वैज्ञानिक जिनके नाम पर नोबेल पुरस्कार दिए जाते हैं।

इतिहासकार बताते हैं कि युद्ध में अपने इस आविष्कार के इस्तेमाल को देखकर नोबेल बेहद हतोत्साहित हो गए थे। उन्हें महसूस हो गया था कि उनका ये आविष्कार युद्ध को बढ़ावा देगा।

उन्होंने अपने आविष्कार से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की शुरुआत की। हालांकि प्रथम विश्वयुद्ध में डायनामाइट के कारण जो तबाही हुई थी, वह देखने से पहले ही अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु हो गई थी।

कॉमिक सैन्स फॉन्ट (Comic Sans Font)

कॉमिक सैन्स को अब तक डिजाइन किया गया सबसे भद्दा फॉन्ट डिजाइन माना जाता है। इसकी खोज विन्सेंट कोनार ने बच्चों के लिए बने एक कंप्यूटर शिक्षा कार्यक्रम के लिए की थी।

लेकिन 1994 में विकसित इस फॉन्ट का धीरे-धीरे विस्तृत इस्तेमाल होने लगा। तब कोनार ने कहा था – अगर आप इस फॉन्ट को पसंद करते हैं तो आप टाइपोग्राफी के बारे में कुछ नहीं जानते।

पॉप-अप विज्ञापन (Pop-Up Ads)

ये ऑनलाइन साइट्स पर विज्ञापन का एक तरीका है, जिसे एथन जुकरमैन ने खोजा था। किसी विज्ञापन को वेब पेज का हिस्सा बनाए बिना उसे यूजर्स तक पहुंचाने के उद्देश्य से जुकरमैन ने इसके कोड्स लिखे थे।

लेकिन धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल हर साइट पर इतना ज्यादा होने लगा कि यह लोगों के लिए परेशानी और चिड़चिड़ाहट का कारण बन गया है। अपनी इस खोज के लिए जुकरमैन ने बाद में माफी मांगी थी।

हवाईजहाज (Aeroplane)

हवाईजहाज का आविष्कार करने वाले राइट ब्रदर्स में से एक ऑवरिल राइट ने जब द्वितीय विश्वयुद्ध में बम बरसाने के लिए हवाईजहाजों का इस्तेमाल होते देखा तो काफी चिंतित हुए। बताया जाता है कि जब अपने आविष्कार की मदद से उन्होंने हजारों लोगों को मरते देखा, तो उन्हें इसे विकसित करने पर अफसोस हुआ था।

पेपर स्प्रे (Pepper Spray)

1980 के दशक में एफबीआई द्वारा इस्तेमाल किए जाने के लिए वैज्ञानिकों ने पेपर स्प्रे की खोज की थी। कामरान लॉमैन इसे बनाने वालों में से एक थे। उन्होंने कहा था कि – आंदोलनों में प्रदर्शनकर्ताओं पर इस स्प्रे का इस्तेमाल होता देख मैं चौंक गया। मुझे लगा कि ये मेरा कर्तव्य है कि मैं लोगों को समझाऊं कि इस काम के लिए पेपर स्प्रे का निर्माण नहीं किया गया था।

वर्ल्ड वाइड वेब (WWW – World Wide Web)

इंटरनेट के जनक कहे जाने वाले प्रोपेसर टिम बर्नर्स ली ने 1989 में वर्ल्ड वाइड वेब की खोज की थी। ये वो आविष्कार है जिसने दुनिया के काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदलकर रख दिया। जो कई नए आविष्कारों का आधार बना।

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लेकिन ली अब इसके जरिए होने वाली गैरकानूनी हैकिंग, फर्जी खबरों और अन्य विध्वंसक गतिविधियों से परेशान हैं। 2018 में ली ने एक इंटरव्यू में कहा था- मेरे आविष्कार के कारण होने वाली विध्वंसक गतिविधियों को देखकर मैं बेहद निराश हूं। मुझे लगता है कि मानवता की सेवा को बेहतर बनाने में इंटरनेट फेल हो गया है।

लैब्राडूडल्स (Labradoodles)

यह कुत्ते की एक प्रजाति है जो बुद्धिमान और प्यारे होते हैं। जिनके बाल नहीं गिरते। ये लैब्राडोर और पूडल की क्रॉस ब्रीडिंग से बने हैं। ये नई प्रजाति विकसित करने वाले शख्स हैं वॉली कॉनरॉन।

ऑस्ट्रेलिया के कॉनरॉन को बाद में अपनी इस खोज पर काफी पछतावा हुआ जब उन्होंने देखा कि लोग बड़े पैमाने पर यह ब्रीडिंग कराने लगे। इसके कारण कई अस्वस्थ कुत्तों का जन्म हुआ, जिन्हें आवारा छोड़ दिया गया।

इमोजी (Emojis)

एक कंप्यूटर साइंस के शिक्षक स्कॉट फैलमैन ने पहली बार इमोटिकॉन (emoticon) का इस्तेमाल मजाक के लिए किया था। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि हंसी-मजाक के लिए किए गए इस प्रयोग को खूब प्यार मिलेगा और ये इमोजी बन जाएगा।

बाद में फैलमैन ने कहा था –  मैंने जो बनाया वो किसी तरह का अहित करने वाला नहीं था, लेकिन इसका दायरा जिस तरीके से बढ़ाया गया, उसकी मैंने कभी इजाजत नहीं दी थी।

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