नई दिल्ली: एअर इंडिया (Air India) की किस्मत तो टाटा समूह के हाथ में आते ही बदल ही गई है इसके साथ ही अब कर्मचारियों की किस्मत भी बदलने लगी है। घाटे वाली एअरलाइन (Airline) को मुनाफे में लाने के लिए मैनेजमेंट न सिर्फ इसके काम करने के तौर-तरीकों में बदलाव ला रही है, बल्कि कर्माचारियों (Employees) का भरोसा बहाल करने की भी तमाम कोशिशें की जा रही हैं। कर्मचारियों को नई-नई सुविधाएं देने की तैयारी चल रही है।
एअर इंडिया एक समय देश की सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित एअरलाइन थी, मगर कथित तौर पर खराब प्रबंधन, सरकारी लालफीताशाही और प्राइवेट एअरलाइनों से प्रतिस्पर्द्धा की वजह से इसकी हालत खराब हो गई। एअरलाइन की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि उसके पास जरूरी सेवाओं तक के लिए पैसे नहीं थे, घटती आमदनी और बढ़ते कर्ज की वजह से कर्मचारियों की छंटनी की नौबत आ गई थी।
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अब टाटा समूह की कोशिश है कि एअरलाइन की पुरानी साख को वापस लाया जाए, इसके लिए कर्माचारियों का भरोसा जीतना सबसे अहम है। एक समय एअरलाइन के जिन कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक रही थी उन्हें अब कंपनी का मालिक बनने का मौका मिलने वाला है। एअर इंडिया अपने कर्माचारियों को ईसॉप्स (ESOPs) की सुविधा देने जा रही है। इससे न सिर्फ कंपनी की कार्य क्षमता में सुधार होगा, बल्कि कंपनी का संचालन भी सुधरेगा। हालांकि, अभी यह तय नहीं किया गया है कि किस स्तर तक के कर्माचारियों को ईसॉप्स की सुविधा दी जाएगी।