पुलिस ने बताया कि आरोपित शातिराना तरीके से लोगों की जमीन बिकवा देता था और जमीन मालिक को पता भी नहीं चलता था। आरोपित फर्जी व्यक्ति को खड़ा कर लोगों की जमीनों का बैनामा करा देता था।
फ़र्ज़ी दस्तावेजों के जरिए जमीन बेचने वाला गिरफ्तार
कागजी कार्रवाई में आरोपित कहीं भी खुद हस्ताक्षर नहीं करता था। जिसके चलते आरोपित पुलिस के चंगुल में नहीं फंसता था।