नई दिल्ली। आज से लगभग 17 साल पहले संसद पर हमला हुआ था।13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। यही वो दिन था जब एक सफेद एंबेसडर कार में आए पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था।आज संसद हमले की बरसी है और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पूरे सदन ने मौन रखकर संसद हमले की बरसी पर शहीदों को याद किया। इसके बाद से सदन में लगातार हंगामा जारी रहा। शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में कावेरी नदी पर बांध बनाए जाने के विरोध समेत अन्य मुद्दों पर एआईएडीएमके, डीएमके सांसदों समेत विभिन्न दलों के सदस्यों ने वेल में आकर प्रदर्शन किया। इसके बाद उच्च सदन की कार्यवाही को 10 मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संसद हमले में शहीद हुए लोगों को गुरुवार को श्रद्धांजलि दी और उनकी वीरता को सलाम करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी लोगों को प्रेरणा देती है। इसके अलावा तमाम सांसदों ने संसद परिसर में शहीदों की तस्वीरों पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पूरे सदन ने मौन रखकर संसद हमले की बरसी पर शहीदों को याद किया गया। इसके बाद से सदन में लगातार हंगामा जारी रहा। सांसदों के व्यवहार से नाराज सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन चर्चा नियमों के मुताबिक ही की जाएगी।
इतना ही नहीं हंगामा कर रहे सांसदों को फटकार लगाते हुए सभापति ने कहा कि आज हमारी और संसद की रक्षा करते हुए 9 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और हम सभी ने उन्हें अभी श्रद्धांजलि दी है, कम से कम आज तो सदन की कार्यवाही को चलने दीजिए। उन्होंने कहा कि सभी सांसद अपनी सीट पर जाकर बैठ जाएं, इस हंगामे से खराब संदेश जाएगा। इसके बाद भी हंगामा न थमते देख सभापति ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।