नई दिल्ली। टेलीकॉम सेक्टर को भारी घाटे से उबारने के लिए सरकार कड़े कदम उठा सकती है। अभी तक उपभोक्ताओं को वॉयस कॉलिंग और डाटा के लिए मिनिमम प्राइस तय करने का प्लान बना रही है।
बता दें कि तीन सप्ताह पहले आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को कई हजार करोड़ रुपये के भुगतान के निर्देश दिए गए। बता दें कि पिछले 14 साल से चल रहे एजीआर विवाद की वजह से देश की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इन टेलीकॉम कंपनियों को उबारने के लिए सरकार पिछले कई दिनों से मंथन कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार मंत्रालय टेलीकॉम कंपनियों के लिए वॉयस और डाटा के लिए मिनिमम प्राइस तय करने पर विचार कर रही है।
सरयू राय मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ ठोंक सकते हैं ताल, नामांकन पत्र खरीदा
सरकार का मानना है कि फ्री या बेहद सस्ते वॉयस और डाटा टैरिफ की वजह से पिछले कुछ सालों में टेलीकॉम कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, स्पेक्ट्रम और लाइसेंस की कीमत भी काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से टेलीकॉम कंपनियों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछली तिमाही में देश की दोनों बड़ी टेलीकॉम कंपनियों वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल को कुल Rs 74,000 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है। सेक्रेटरी की कमेटी ने इस भारी घाटे को उबारने के लिए वॉयस कॉलिंग और डाटा के लिए मिनिमम प्राइस तय करने पर विचार कर रही है। कमेटी अपनी इस रेकोमेंडेशन को दूरसंचार विभाग को भेजने की तैयारी में है।
बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों को रेग्युलेट करने वाली TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों के इस रेकोमेंडेशन को पहले ठुकरा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को 92,000 करोड़ रुपये AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रिवेन्यु) के भुगतान करने का निर्देश दिया है। दूरसंचार विभाग मिनिमम चार्ज वाले प्लान को रिव्यू करके टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भेजेगी, ताकि दूरसंचार कंपनियां लाइसेंस फी और स्पेक्ट्रम के लिए अदा की गई राशि की उगाही कर सके।
बता दें कि रिलायंस जियो के 2016 में टेलीकॉम सेक्टर में कदम रखते ही टेलीकॉम कंपनियों के बीच प्राइस वॉर शुरू हो गया था। जिसके बाद डाटा और वॉयस कॉलिंग की दरों में भारी कटौती हुई और यूजर्स को फ्री या बेहद कम कीमत में डाटा और वॉयस कॉलिंग की सुविधा मिलने लगी। 2016 के बाद से ही कई टेलीकॉम कंपनियों को अपने बिजनेस को बंद करना पड़ा है। वहीं, देश की दो टेलीकॉम कंपनियों वोडाफोन और आइडिया को मर्ज होना पड़ा है।