उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मरने वाले कई शिक्षकों की पंचायत उपचुनाव (Panchayat by-election) में डयूटी लगाने का मामला प्रकाश में आया है। यहां तक की सेवानिवृत्त और बीमार शिक्षकों को भी चुनाव में ड्यूटी पत्र जारी कर दिया गया है।
खुलासा होने पर मृतक शिक्षकों के परिजनों ने जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी नाराजगी जताई है। फजीहत के बाद आनन-फानन में डयूटी पत्र वापस करते हुए रिजर्व में रखे गए कर्मचारियों को चुनाव डयूटी पर भेजा गया है।
अमरोहा जिले में ग्राम प्रधान के चार और सदस्य ग्राम पंचायत के 177 रिक्त पदों पर उपचुनाव (Panchayat by-election) कराया जा रहा है। पंचायतों के रिक्त पदों पर आज मतदान हो रहा है। इससे पहले पोलिंग पार्टियों की रवानगी के दौरान शुक्रवार को अफसरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। कोरोना संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले कई शिक्षकों की पंचायत उपचुनाव (Panchayat by-election) में डयूटी लगा दी गई। चुनावी डयूटी पत्र देखकर मृतक शिक्षकों के परिजनों ने जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी नाराजगी जताते हुए मौत का माखौल उड़ाने का आरोप लगाया है।
फजीहत के बाद अफसरों ने अनान-फानन में डयूटी काटते हुए रिजर्व में रखे गए मतदान कार्मिकों को मतदान कराने के लिए भेजा गया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री मुकेश चौधरी ने बताया कि दो मृतक शिक्षक, कई सेवानिवृत्त शिक्षक और कई बीमार शिक्षकों की डयूटी भी पंचायत उपचुनाव (Panchayat by-election) में मतदान कराने में लगा दी गई है। इसमें अफसरों की लापरवाही रही है। शिक्षक संघ इसका विरोध करता है।
जिलाधिकारी बी के त्रिपाठी ने बताया कि पंचायत चुनाव के दौरान जो डाटा फीड हुआ था, उसके आधार पर ही उपचुनाव (Panchayat by-election) में कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई थी। जानकारी होने पर ड्यूटी संशोधित करते हुए रिजर्व स्टाफ को भेजा गया है। चेतावनी दी गई है कि आगे से गलती न दोहराई जाये।