लखनऊ । उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के शिक्षक सम्मान और सेवा बचाओ आन्दोलन के अन्तर्गत आगामी 21 जनवरी को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन होगा। प्रदर्शन के समय उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम की प्रतियां प्रतीक स्वरूप प्रर्दशन स्थल पर फाड़कर फेकीं जाएगी।
सरकार द्वारा शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सम्बन्धी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 21 समाप्त कर उप्र शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम की धारा 18 लागू की
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा. आरपी मिश्र ने बताया कि शिक्षक सम्मान बचाओ आन्दोलन के अन्तर्गत आगामी 21 जनवरी को सामूहिक अवकाश। इसके साथ ही विद्यालय की तालाबन्दी के साथ जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन पूर्व से ही प्रस्तावित था। किन्तु सरकार द्वारा शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सम्बन्धी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 21 समाप्त कर उप्र शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम की धारा 18 लागू की गई । जो प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक गैर सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों पर लागू होगी।
डा. मिश्र ने बताया कि पूर्व धारा 21 से चयन बोर्ड की पूर्वानुमति के बिना प्रबन्धतंत्र का कोई भी दण्डात्मक कार्य शून्य था, किन्तु शिक्षा सेवा आयोग की धारा 18 में यह व्यवस्था समाप्त कर नियुक्ति प्राधिकारियों को शिक्षक उत्पीड़न का खुला रास्ता दे दिया गया है। यहां तक कि शिक्षकों को पदावनत करने की नई व्यस्था लागू की गई है।
प्रदेश के शिक्षक बाहों मे काली पट्टी बांधकर 20 जनवरी तक शिक्षण कार्य करेंगे
डा. मिश्र ने बताया कि इसी के विरोध में प्रदेश के शिक्षक बाहों मे काली पट्टी बांधकर 20 जनवरी तक शिक्षण कार्य करेंगे। इसके बाद 21 जनवरी को सामूहिक अवकाश तथा विद्यालय की ताला बन्दी कर जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन होगा। इसके बाद प्रदर्शन के अवसर पर प्रतीक स्वरूप अधिनियम की प्रतियं फाड़कर फेंकी जाएंगी।