नई दिल्ली। कोरोना महामारी काल ने पढ़ाई का पैटर्न बदल दिया है। इस कारण देश के सभी स्कूल ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन देश के अधिकतर गरीब बच्चे पैसे व स्मार्टफोन के अभाव में इस सुविधा से वंचित हो रहे हैं। इसी दिशा में अनोखा कदम उठाते हुए तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने बड़ी पहल की है। इस पहल की हर कोई प्रशंसा करने से नहीं चूक रहा है।
तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका के. भैरवी ने अपनी सेविंग से 16 स्मार्टफोन खरीदे। इनको गरीब विद्यार्थियों को बांट दिए, ताकि वे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। इतना ही नहीं शिक्षिका ने इन बच्चों से कहा है कि स्कूल खुलने तक वे उनके मोबाइल में रिचार्ज भी करवाती रहेंगी।
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बता दें कि ये सभी बच्चे 10वीं कक्षा के हैं। तमिलनाडु के एलामबेलुर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका के. भैरवी चाहती हैं कि प्राइवेट स्कूलों की तरह उनके विद्यार्थी भी ऑनलाइन पढ़ सकें। उनके विद्यार्थी कक्षा 10वीं के हैं और उनकी बोर्ड परीक्षा होगी।
छात्रों के बारे में अधिक जानकारी के लिए पहले वे अलग-अलग गांवों में गईं और अपने छात्रों के अभिभावकों से मिलीं। उन्होंने देखा कुछ बच्चे तो इतने गरीब हैं कि उनके घर में मामूली सुविधाएं भी नहीं हैं। यह सब देख वे बहुत उदास हुईं। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि आप बच्चे को लेकर स्कूल आएं, वहां बात करते हैं।
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लॉकडाउन के चलते भैरवी वाट्सएप के जरिए अनेक बच्चों को पढ़ा रही हैं। उन्हें पता चला कि कुछ बच्चे स्मार्टफोन न होने से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में भैरवी की बेटी ने सुझाव दिया कि मम्मी आप इन्हें फोन खरीदकर दे दीजिए। इसके बाद भैरवी ने अपनी बचत में से एक लाख रुपए के 16 फोन और सिमकार्ड खरीदे। वे ऑनलाइन क्लासेस रिकॉर्ड कर वाट्सएप पर पढ़ाती हैं।
जिन बच्चों को स्मार्ट फोन देना तय किया गया था, उन्हें माता-पिता के साथ स्कूल बुलवाया गया। इसके बाद सरप्राइज गिफ्ट के रूप में सभी को मोबाइल सौंप दिए। किसी बच्चे और उसके अभिभावकों को यह पता नहीं था कि उन्हें स्कूल क्यूं बुलवाया है? बच्चे स्मार्टफोन पाकर बहुत खुश हैं।