CM Dhami

जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए ठोस कार्य योजना बनाएं: सीएम धामी

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देहरादून। मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाना होगा। साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में कार्य करने पर जोर दिया। सभी जिलाधिकारी,पेयजल विभाग के अधिकारी जिलों में ग्राम स्तर तक पेयजल स्थिति का फीडबैक को प्राथमिकता के आधार लें।

बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेयजल विभाग की समीक्षा के दौरान ग्रीष्मकालीन में पानी की समस्याओं के निराकण के निर्देश दिये। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाया जाये। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। इसे वर्क कल्चर में लाना जरूरी है।

मुख्यमंत्री (CM Dhami)   ने कहा कि जिलाधिकारी और पेयजल विभाग के अधिकारी जिले के ग्राम स्तर तक पेयजल से संबंधित समस्याओं का फीडबैक लें। गांव के स्तर पर पानी के स्टोरेज के लिए स्टोरेज टैंक का निर्माण करने को कहा। विभिन्न भौगोलिक स्थितियों के आधार पर पेयजल योजनाओं पर कार्य हो। हैंडपंप के साथ सोलर वाटर पंप भी स्थापित किए जाएं। राज्य के प्रत्येक विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था तय समय पर पूरी हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।

उन्होंने कहा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर मीटर लगाएं जांए। जल संरक्षण के लिए दीर्घ कालीन विकास योजनाओं पर कार्य किया जाए। प्रदेश में जल संचय एवं नदी की स्वच्छता के लिए स्वच्छता समितियां बनाकर लोगों को जागरूक किया जाए। जन सहभागिता से होने वाले कार्यों के अच्छे परिणाम मिलते हैं।

मुख्यमंत्री (CM Dhami)  ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा मार्गों पर उच्च गुणवत्ता के पर्याप्त वाटर एटीएम लगाये जाए। चारधाम यात्रा आस्था का प्रतीक है। देश विदेश से लाखों श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखंड आते हैं। श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत भी जलापूर्ति के लिए वाटर एटीएम/नलकूप की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने नमामि गंगे योजना के अंतर्गत राज्य में गंगा की निर्मलता और स्वच्छता के लिए किये जा रहे कार्यों में गंगा व उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए अधिक प्रयासों की जरूरत बताई। गंगा नदी की स्वच्छता के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य मॉडल राज्य के रूप में सामने आए। राज्य से गंगा साफ निर्मल बहे ये सभी राज्य वासियों की सामूहिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा राज्य के अंदर नदियों में सीवर का पानी,कूड़ा एवं गंदगी फैलाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों पर प्रस्तावित योजनाओं की डीपीआर तैयार कर केन्द्र को भेजे जाने में भी शीघ्रता बरती जाए।

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मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जल जीवन मिशन के कार्यों में और तेजी लाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि जल जीवन मिशन के तहत जिन घरों में नल लग चुका है, उनमें शुद्ध गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध हो। हर घर नल, हर घर जल पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाय। पेयजल की उपलब्धता के लिए जो व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं, उनका शीघ्रता से समाधान किया जाए। ग्रीष्मकाल में प्रदेश के किसी भी जनपद में पेयजल की कमी न हो, इसके लिए उपलब्ध साधनों के साथ ही शीघ्र ही प्रत्येक जनपद को अतिरिक्त वाटर टैंकर उपलब्ध कराये जाएं। गर्मियों में पेयजल समस्या का समाधान एक बड़ी चुनौती है। इसके समाधान के लिये समेकित प्रयास किये जाए।

बैठक में सचिव नितेश कुमार झा की ओर से प्रस्तुतिकरण के माध्यम से पेयजल से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधू,अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगौली,अपर सचिव उदय राज सिंह,वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

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