लखनऊ। वैशाख माह की पूर्णिमा में पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन नदी में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति है। लोगों को घरों में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहा गया है। ऐसे में वैशाख की इस पवित्र पूर्णिमा का लाभ कैसा लिया जाएगा ये एक बड़ा प्रश्न है?
पूर्णिमा की तिथि 6 मई को शाम 7 बजकर 44 मिनट से आरंभ हो चुकी है
पूर्णिमा की तिथि 6 मई को शाम 7 बजकर 44 मिनट से आरंभ हो चुकी है। जो 7 मई को शाम 4 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। पूजा और स्नान का विधान 7 मई का है। ऐसे में 7 मई को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें तो बहुत ही शुभ होगा।
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इस दिन सुबह उठकर गंगाजल को पानी में मिलाकर स्नान करें
इस दिन सुबह उठकर गंगाजल को पानी में मिलाकर स्नान करें। नदी में स्नान करना संभव नहीं है ऐसे में पानी में गंगाजल को मिलाकर भी स्नान किया जा सकता है। स्नान से पूर्व मां गंगा और भगवान विष्णु का स्मरण करें। उन्हें आभार व्यक्त करें और इस दिन का लाभ प्रदान करने की प्रार्थना करें।
पूर्णिमा के दिन किया जाने वाला दान श्रेष्ठ फलदायी माना गया
पूर्णिमा के दिन किया जाने वाला दान श्रेष्ठ फलदायी माना गया है। इस दिन लॉकडाउन में जरुतमंदों को भोजन उपलब्ध करा कर इस दिन का पुण्य प्राप्त किया जा सकता है। इस दिन दरिद्रनारायण की सेवा करने से कई गुना लाभ मिलता है। भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।