नई दिल्ली। कोरोना वायरस का कहर अभी थमा भी नहीं है कि टोमैटो फीवर या टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) नाम के नए वायरस ने माता-पिता की नींद उड़ाकर रख दी है। दरअसल, केरल के कई हिस्सों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में एक रहस्यमय बीमारी का पता चला है। जिसे टोमैटो फीवर (Tomato Flu) के नाम से पुकारा जा रहा है। अब तक राज्य में 82 बच्चे टोमैटो फीवर की चपेट में आ चुके हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है टोमैटो फीवर (Tomato Flu) और क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय।
क्या है टोमैटो फीवर(What is Tomato Flu?)-
टोमैटो फीवर (Tomato Flu) एक वायरल इंफेक्शन है, जो 5 साल से कम उम्र के बच्चे को प्रभावित कर रहा है। इस वायरल इंफेक्शन का नाम टोमैटो फ्लू इसलिए रखा गया है क्योंकि टोमैटो फ्लू से संक्रमित होने पर बच्चों के शरीर पर टमाटर की तरह से लाल रंग के दानें हो जाते हैं और इसकी वजह से उन्हें स्किन पर जलन और खुजली होती है। इसके अलावा इस बीमारी से संक्रमित होने पर रोगी बच्चे को तेज बुखार भी आता है। टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) से संक्रमित होने वाले बच्चों को डिहाइड्रेशन की समस्या के साथ-साथ शरीर और जोड़ों में दर्द भी गंभीर रूप से होता है।
टोमैटो फ्लू के लक्षण (Tomato Flu Symptoms)-
इसके मुख्य लक्षणों में डिहाइड्रेशन, स्किन रैशेज, त्वचा में इर्रिटेशन या खुजली शामिल हैं। लेकिन इस वायरस से पीड़ित बच्चे में ये लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
- -शरीर पर टमाटर जैसे चकत्ते और दानें।
- -तेज बुखार।
- -शरीर और जोड़ों में दर्द।
- -जोड़ों में सूजन।
- -पेट में ऐंठन और दर्द।
- -जी मिचलाना, उल्टी और दस्त।
- -खांसी, छींक और नाक बहना।
- -हाथ के रंग में बदलाव।
- -मुंह सूखना।
- -डिहाइड्रेशन।
- -अत्यधिक थकान।
- -स्किन में जलन।
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टोमैटो फ्लू के कारण (Tomato Flu Causes)-
टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) एक दुर्लभ बीमारी है जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों में देखने को मिल रही है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग अभी तक इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दे पाया है। इसके बारे में जानकारी की कमी की वजह से अभी यह कह पाना बेहद मुश्किल है कि यह बीमारी किस वजह से फैल रही है या इसके कारण क्या हैं।
टोमैटो फीवर से बचाव-(Tomato Flu Prevention Tips)-
- -यह एक प्रकार का दुर्लभ फ्लू है इसलिए इससे संक्रमित बच्चों का इलाज भी फ्लू की तरह से किया जा रहा है।
- -ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
- -संक्रमित बच्चे को उबला हुआ साफ पानी पिलाएं, ताकि वह हाइड्रेटेड रह सके।
- -फफोले या रैशेज पर खुजली करने से बच्चे को रोकें।
- -घर और बच्चे के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- -गर्म पानी से नहाएं।
- -संक्रमित बच्चे से दूरी बनाकर रखें।
- -हेल्दी डाइट का सेवन करें।