राजकीय मेडिकल कालेज का एक वीडियो वायरल हो रहा है, मानवता को शर्मसार कर देने वाला मोर्चरी का है। वीडियो में देखा जा सकता है कैसे काले बैग में रखे शव को स्वास्थ्य व पुलिसकर्मियों ने घसीटते हुए रेलिंग से नीचे उतारा। दो या तीन लोग ही शव को उठाने के लिए पर्याप्त होते हैं। पर यहां चार लोग शव को घसीटकर टेंपो तक ले गए। लापरवाही की जांच के लिए सीओ तिर्वा दुबे व मेडिकल कालेज के सीएमएस डॉ. दिलीप सिंह की संयुक्त कमेटी बनाई है।
कमेटी को दो दिन में हालात का परीक्षण कर दोषी के खिलाफ संस्तुति सहित रिपोर्ट देनी है। दो दिन में दोषी के खिलाफ रिपोर्ट तलब की है। जिला अस्पताल से गुरुवार को अज्ञात (50) अधेड़ को हालत गंभीर होने पर राजकीय मेडिकल कालेज तिर्वा रेफर किया गया था। अधेड़ को सांस फूलने की दिक्कत थी। रविवार को इलाज के दौरान मेडिकल कालेज में मौत हो गई। शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया।
फिर बढ़े रसोई गैस के दाम, प्रियंका बोलीं- हर महीने फल-फूल रही BJP सरकार की उगाही योजना
सोमवार सुबह मोर्चरी से अधेड़ के शव को घसीटते हुए पुलिसकर्मी व स्वास्थ्यकर्मी टेंपो तक ले गए। इसी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वहीं सीएमएस डॉ. दिलीप सिंह का कहना है कि राजकीय मेडिकल कालेज में पर्याप्त स्ट्रेचर हैं।इमरजेंसी में सात और मोर्चरी में पांच हैं। किन हालात में शव को घसीटते हुए ले जाया गया, यह जांच का विषय है। वहीं एसपी प्रशांत वर्मा का कहना है कि गाइडलाइन के अनुुसार अगर कोई लावारिस शव मिलता है तो पंचनामा भरने व पोस्टमार्टम कराने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।
72 घंटों में शव की शिनाख्त नहीं हो पाती है तो पुलिस अंतिम संस्कार कराती है। अगर कोई लावारिस शव अस्पताल से मिलता है तो अस्पताल प्रबंधन को स्ट्रेचर उपलब्ध कराना चाहिए। इसी के सहारे पुलिसकर्मी वाहन से शव को पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाते और बाद में अंतिम संस्कार कराते हैं। इस मामले में कहां दिक्कत हुई, यह जांच में सामने आ सकेगा।