संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि देश में कोविड-19 के संदर्भ में टीकाकरण को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होने कहा कि कोविड संकट के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघीय ढांचे के अनुरूप सामूहिक प्रयास पर बल दिया। मंडाविया ने कहा- भारत सरकार सभी के शत प्रतिशत टीकाकरण को प्रतिबद्ध है। सभी लोगों को टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी लोगों को भ्रम फैलाने वालों को मिलकर जवाब देना चाहिए। सभी जागरूक बने। राजनीति वाले बयान की आलोचना करते हुए एक यूजर ने लिखा- वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर पीएम मोमंडाविया ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों समेत राज्य सरकारों के साथ 20 बार चर्चा की और उन्होंने जो सुझाव दिये उसके अनुरूप समय समय पर कार्य योजना बदली । ’’
उन्होंने कहा कि कई राज्यों एवं विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाया जाता था कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और इस विषय पर राज्यों को विश्वास में लेना चाहिए। राज्यों ने कहा था कि उन्हें भी टीका खरीदने की अनुमति मिलनी चाहिए।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तब प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है और वे (राज्य) भी टीका खरीद सकते हैं . एक मई को ऐसी नीति बनी कि 25 प्रतिशत टीका राज्य खरीदें, 25 प्रतिशत निजी इकाई खरीदे और 50 प्रतिशत टीका केंद्र खरीदेगा ।
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उन्होंने कहा, ‘‘तब भी हमने राज्यों से कहा कि उन्हें कोई मदद की जरूरत होगी, तब हमें बताएं । कुछ राज्यों ने निविदा भी निकाली। लेकिन टीका उत्पादन करने वाली कंपनियां सीमित थीं । ’’मंडाविया ने कहा, ‘‘इस विषय पर कुछ लोगों ने राजनीति की, लेकिन हमने नहीं की। ’स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस बीच मुख्यमंत्रियों की बैठक में यह कहा गया कि उन्हें टीका नहीं मिल रहा है और केंद्र को 25 प्रतिशत टीका खरीद कर देना चाहिए। इसके अनुरूप नई नीति बनी कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को नि:शुल्क टीका लगाया जायेगा।