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सुशीला चानू का बड़ा दावा, टोक्यो ओलंपिक में मेरी टीम जीतेगी पदक

Susheela Chanu

Susheela Chanu

बेंगलुरु। भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर सुशीला चानू पुखरंबम (Susheela Chanu)  ने गुरुवार को बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम की अगले वर्ष होने वाले टोक्यो ओलंपिक में निश्चित तौर पर पदक जीतेगी।

सुशीला चानू (Susheela Chanu) ने बताया कि अगला वर्ष टीम के लिए महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण है। टीम को एक के बाद एक मैच खेलना होगा। हमें आराम के लिए कम समय मिलेगा। हमें हालांकि, इसकी आदत हो चुकी है। हमारे पास इतिहास बनाने के मौका है। यह पहली बार है, जब महिला टीम लगातार ओलिंपिक में भाग लेगी और इस बार हम पोडियम तक पहुंचेंगे।

28 वर्षीय सुशीला ने टीम के लिए लगातार अपना योगदान दिया है और उन्हें उम्मीद है कि वह अगले वर्ष टोक्यो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। उन्होंने कहा कि यह वर्ष हर किसी के लिए अजीबोगरीब रहा। राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी तौर पर मैंने हमेशा भाग-दौड़ भरे माहौल के अनुरूप खुद को ढालने की कोशिश की है। जहां हम बिना ज्यादा कुछ सोचे लगातार मैच खेलते आए हैं।

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सुशीला चानू अब तक राष्ट्रीय टीम के लिए 180 मैच खेल चुकी हैं। वह वर्तमान टीम में अनुभवी खिलाड़ियों में से एक है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर जब आप ऐसे स्तर पर पहुंच जाते हैं जहां आपने अपने सहयोगियों के मुकाबले अधिक मैच खेलें हों तो आपके कंधों पर एक जिम्मेदारी आ जाती है।

2016 ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी सुशीला का मानना है कि खेल का अनुभव और उसकी समझ के कारण वह न केवल टीम को मैदान में सफलता दिला सकती हैं बल्कि उसके बाहर युवाओं का मार्गदर्शक कर टीम के लिए योगदान कर सकती हैं।

सुशीला के अनुसार अब टीम को अपना पूरा ध्यान टोक्यो ओलंपिक पर लगाना चाहिए।
उन्होंने कहा, बाकी खेल बिरादरी की तरह हमें भी उम्मीद है कि टोक्यो ओलंपिक अगले वर्ष होगा। यह हम सभी के लिए सबसे बड़ा टूर्नामेंट है और हम इसमें सफलता अर्जित करने के लिए पिछले चार वर्षों से कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि निस्संदेह हमारे सामने चुनौतियां काफी बड़ी हैं, लेकिन हमारे कोचिंग स्टॉफ ने हमें लक्ष्य के प्रति पहले से कहीं ज्यादा ध्यान देने की दिशा में मदद किया है। बता दें कि भारतीय महिला हॉकी टीम तीसरी बार ओलंपिक में खेलेगी। टीम ने सबसे पहले 1980 ओलंपिक में खेला था। उसी वर्ष महिला हॉकी को ओलंपिक में शामिल किया गया था। उसके बाद टीम ने 2016 में रियो ओलंपिक में जगह बनाई, लेकिन वहां टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और टीम सबसे निचले पायदान पर रही।

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