कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर होने के बाद अब राज्यों ने स्कूल-कॉलेज एवं अन्य संस्थान खोलना शुरु कर दिया है लेकिन मंदिर अभी भी बंद रखे गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ ने इसे लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है, कहा- जब सब खुल गए तो मंदिर भी खोलनी चाहिए। उन्होंने लिखा कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए धार्मिक स्थलों पर लोगों को पूजा-अर्चना की अनुमति देनी चाहिए, प्रार्थना ही अंतिम उम्मीद है।
जज ने यहां तक कह दिया कि सरकार सार्वजनिक धार्मिक स्थलों को न खोलकर लोगों को संवैधानिक अधिकारों से वंचित कर रही है। बता दें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बेहद कम हो गई है, पिछले तीन दिन से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई, महज 362 एक्टिव केस हैं। महामारी पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार की प्रशंसा करते हुए जस्टिस जोसेफ ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 31अगस्त 2021 से रेस्तरां, बार, थिएटर और ऑडिटोरियम जैसी कई गतिविधियों का संचालन 50% बैठने की क्षमता के साथ फिर से शुरू करने की अनुमति दी है। साप्ताहिक बाजारों और स्पा की भी अनुमति है। अंतिम संस्कार और शादी जैसी गतिविधियों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को बढ़ाकर 100 कर दिया गया है।
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जस्टिस जोसेफ ने अपने पत्र में कहा- ‘ये सकारात्मक चिह्न हैं जो समाज के सामान्य स्थिति में वापस आने का संकेत देते हैं। हालांकि आदेश में वह प्रतिबंध अभी भी जारी है जिसमें कहा गया कि धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन किसी भी आगंतुक को अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर आप याद करें तो दूसरी लहर आने से पहले प्रतिबंधों में ढील दी जा चुकी थी और सार्वजनिक पूजा स्थलों में प्रतिबंधित संख्या और अन्य कोविड -19 प्रोटोकॉल का सम्मान करते हुए सेवाएं फिर से शुरू हो गई थीं। प्रतिबंध केवल महामारी की दूसरी लहर के कारण फिर से लगाए गए थे, जो अब काफी हद तक कम हो गए हैं।’