टेक डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद नोटिस जारी किया है। यह याचिका केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 20 दिसंबर को जारी की गई अधिसूचना के खिलाफ दायर की गई थी। जिसमें सरकार ने 10 जांच एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर की जांच करने की अनुमति दी है। अदालत ने केंद्र से छह सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा है।
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आपको बता दें 3 जनवरी को याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा ने एजेंसियों को मिले कंप्यूटर की निगरानी के अधिकार वाली अधिसूचना को चुनौती दी थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अपनी याचिका का उल्लेख करते हुए इसपर जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई थी।
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जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट फालतू जनहित याचिका दायर करने पर जुर्माना लगाया था। अपनी याचिका में उन्होंने 20 दिसंबर की इस सरकारी अधिसूचना को निरस्त करने की गुहार लगाई थी। साथ ही याचिका में यह भी कहा था कि इस अधिसूचना के आधार पर इन एजेंसियों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत जांच व आपराधिक कार्यवाही शुरू करने से रोका जाए साथ आपको ये बताते चलें केन्द्र की 10 जांच एवं जासूसी एजेंसियों को कंप्यूटरों को इंटरसेप्ट करने और उनके आंकड़ों का विश्लेषण करने का अधिकार प्राप्त हो गया है।