नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश मोहन शांतनगौदर (Justice Mohan Shantanagoudar) का शनिवार देर रात गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 62 वर्ष के थे और काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे।
इससे पहले न्यायाधीश मोहन के निधन की खबर कल दोपहर बाद आई थी, लेकिन शाम तक न्यायालय के सूत्रों की ओर से इस खबर को अफवाह करार दिया गया था, लेकिन देर रात न्यायमूर्ति शांतनगौदर (Justice Mohan Shantanagoudar) की जीवन गति रुकने की एक बार फिर खबर आयी, जिसकी पुष्टि रजिस्ट्रार कार्यालय के सूत्रों द्वारा की गयी है।
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न्यायमूर्ति शांतनगौदर को फेफड़े में संक्रमण के कारण गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था। उन्हें कैंसर की शिकायत थी और शनिवार देर रात तक उनकी हालत स्थिर बताई गई थी।
न्यायमूर्ति शांतनगौदर को 17 फरवरी 2017 को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। उनका कार्यकाल 5 मई 2023 तक था।
कर्नाटक के हावेरी जिले के रहने वाले न्यायमूर्ति शांतनगौदर शीर्ष अदालत के लिए पदोन्नत किये जाने से पहले केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।
आइये जानते हैं न्यायमूर्ति शांतनगौदर के बारे में
- 5 सितम्बर 1980 को वकालत शुरू की थी
- 12 मई 2003 को कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था
- उन्हें 24 सितम्बर 2004 को स्थायी नियुक्ति दी गयी थी।
- वह 22 सितम्बर 2016 को केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किये गये थे।