नई दिल्ली। अब मिलिट्री के स्कूल और कॉलेजों में भी लड़कियों के प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है। अब तक इन स्कूल कॉलेजों में सिर्फ छात्रों को प्रवेश मिलता था, लेकिन अब नए फैसले के बाद सूरत बदल जाएगी। दरअसल एनडीए के बाद अब मिलिट्री स्कूल और कॉलेजों में भी लड़कियों को दाखिला मिल सकेगा। केंद्र सरकार की योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है, ऐसे में ये फैसला लड़कियों के बेहतर भविष्य के हिसाब से एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में भी महिलाओं को इसी साल दिसंबर से प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की इजाजत देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि अगले साल जून से लड़कियों को एंट्रेंस एग्जाम में बैठने की इजाजत देने के बजाय इसी साल से शुरुआत करनी चाहिए। इससे पहले अब तक मिलिट्री स्कूल लड़कों के शैक्षणिक संस्थान रहे हैं। हलफनामे में सरकार ने कहा कि लड़कियों को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक मदद के साथ अतिरिक्त रिक्तियों को अधिकृत करने की जरूरत है।
योजना चरणबद्ध तरीके से होगी लागू
सरकार ने कहा कि यह चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। केंद्र सरकार की तरफ से हलफनामे में ये भी कहा गया है कि लड़कियों को अगले साल होने वाली अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज के लिए द्वि-वार्षिक औसतन 25 सीटों के लिए कंप्टीशन करते हैं।
250 लड़कों के साथ 100 लड़कियां होंगी शामिल
सरकार ने कहा कि पहले चरण में हर छह महीने में पांच लड़कियों को शामिल कर स्टूडेंट्स की क्षमता 250 से बढ़ाकर 300 कर दी जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में हर छह महीने में 10 लड़कियों को शामिल किया जाएगा। जिससे स्टूडेंट की क्षमता 300 से बढ़ाकर 350 कर दी जाएगी। ये चरणबद्ध तरीके से तय योजना के आधार पर होगा। सरकार की तरफ से हलफनामे में जानकारी दी गई है कि विस्तार के अंत में आरआईएमसी में 250 लड़के और 100 लड़कियां शामिल होंगी।