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सुन्नी वक्फ बोर्ड SC में नहीं दायर करेगा पु​नर्विचार याचिका : जफर अहमद फारूकी

लखनऊ । राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मुख्य वादकारियों में से एक उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इसे चुनौती देने की कोई योजना नहीं है।

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फारूकी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि हम मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। बोर्ड के पास इसे चुनौती देने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी फैसले का अच्छी तरह से अध्ययन किया जा रहा है जिसके बाद बोर्ड एक विस्तृत बयान जारी करेगा। फारूकी ने जोर देकर कहा कि अगर कोई वकील या कोई अन्य व्यक्ति कहता है कि निर्णय को बोर्ड द्वारा चुनौती दी जाएगी तो इसे सही नहीं माना जाना चाहिए।

फारुखी का ये बयान इसलिए अ

हम है कि क्योंकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने फैसला आने के बाद इसे चुनौती देने की बात कही थी। जिलानी ने दिल्ली में कहा था कि फैसले में कई विसंगतियां हैं इसलिए इसे चुनौती दी जाएगी।

हालांकि बाद में पीटीआई से बात करते हुए जिलानी ने कहा कि वो प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव के तौर पर बोल रहे थे। उनका बयान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील के रूप में नहीं था।

आपको बता दें कि बोर्ड ने पिछले महीने विवादित जमीन पर अपना दावा वापस लेने का प्रस्ताव दिया था। बोर्ड ने कहा था कि वह राष्ट्रीय हित में ये फैसला ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आमराय से फैसले में विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने ये जमीन राम लला विराजमान को सौंपी है। वहीं सु्न्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन दी जाएगी।

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