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कानपुर में सूबेदार की बेटी सेना में बनी लेफ्टिनेंट, दार्जिलिंग में मिली पहली पोस्टिंग

KANPUR CAPTION

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कानपुर। जिले के किदवई नगर निवासी विनीता त्रिपाठी (Vinita Tripathi) का चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है। विनीता अपने परिवार की पांचवीं सदस्य हैं जो सेना में गई हैं। पिता विपिन त्रिपाठी (Vinita Tripathi) भी सूबेदार हैं। मूल रूप से कानपुर देहात के गांव सेरुआ, ब्लॉक सरवनखेड़ा की रहने वाली विनीता (Vinita Tripathi) ने पिता का ट्रांसफर अलग-अलग स्थानों पर होते रहने के कारण देश के अलग-अलग शहरों में शिक्षा ग्रहण की है।

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12वीं पास करने के बाद उनका चयन एमएनएस (मिलिट्री नर्सिंग सर्विस) सर्विस में हो गया। उसके बाद पांच साल की ट्रेनिंग के बाद गुरुवार को उनकी पासिंग आउट परेड मुंबई में हुई। उनकी पहली पोस्टिंग 158 बेस अस्पताल बागडोगरा (दार्जिलिंग) में हुई है।

विनीता के चाचा अनुराग त्रिपाठी, एक भाई विकास तिवारी एयरफोर्स में, एक चाचा विनय तिवारी आर्मी से रिटायर हैं। गांव में उनके बाबा रामलाल त्रिपाठी को बधाई देने के लिए तमाम लोग शुक्रवार को पहुंचे। उनकी मां सीमा और भाई आयुष दिल्ली में है। पिता की पोस्टिंग हिसार में है।

सुबह साढ़े चार बजे उठना, रात एक बजे सोना

इसमें कोई शक नहीं है कि सेना की ट्रेनिंग काफी मुश्किल भरी होती है। पहले दो साल तो मात्र तीन तीन घंटे की ही नींद मिलती है, पूरे दिन को ऐसे शेड्यूल किया जाता है कि एक मिनट बैठने का समय नहीं मिल पाता है। होम सिकनेस भी रहती है। लेकिन इन सबसे ऊपर है सेना में आना। यह गर्व और सम्मान की बात है।

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उन्होंने बताया कि 12वीं के बाद एक लाख लड़कियों में मात्र 200 लड़कियां ही लिखित परीक्षा, मेडिकल, इंटरव्यू पार कर पाई थीं। उसके बाद साढ़े चार साल की ट्रेनिंग शुरू हुई। सुबह साढ़े चार बजे उठते थे और रात एक बजे तक सोते थे।

कई बार ट्रेनिंग के दौरान खड़े खड़े ही सो जाती थी। केवल एक साधरण फोन कमरे पर होता था, जिससे आप एक बार घर पर बात कर सकते थे। तीसरे साल में आकर स्मार्ट फोन मिले। उन्होंने कहा कि परिवार को देखकर ही प्रेरणा मिली और सेना में आई। वह कहती हैं कि मुझे देखकर परिवार की और बेटियों ने भी सेना में जाने की तैयारी शुरू कर दी है।

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